कौशांबी: गोतस्करी के एक मामले में हुई गिरफ्तारी से जिले की पुलिस सवालों में घिर गई है. कोर्ट ने गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए आरोपियों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया. इतना ही नहीं, कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस से 3 दिन में स्पष्टीकरण भी मांगा है. दरसअल, 3 दिन पहले कोखराज पुलिस ने पुरामुफ्ती के बेगम बाजार निवासी भैया उर्फ जावेद और असलम को गोतस्करी के आरोप में गिरफ्तार करने का दावा किया था जबकि कोखराज पुलिस भैया उर्फ जावेद और असलम बेगम बाजार वाले घर से पकड़ कर ले गई थी.
बुधवार को जिला न्यायालय में जावेद के वकीलों ने घर में लगे सीसी टीवी की फुटेज पेश किया और कई ऐसे सबूत पेश किए जिससे कोर्ट को बताया कि जिस मुकदमे में जावेद और असलम की गिरफ्तारी दिखाई गई वो मुकदमा अज्ञात में दर्ज हुआ था. गोतस्करी के दौरान जो वाहन बरामद हुए थे, वो भी जावेद या असलम के नाम पर नहीं बल्कि किसी मंजेश नामक शख्स पर रजिस्टर्ड हैं.
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कोखराज पुलिस ने न्यायलय से गिरफ्तार जावेद की रिमांड मांगी थी लेकिन घटना में आरोपी के खिलाफ पुलिस कोर्ट में किसी भी प्रकार का कोई साक्ष्य नहीं पेश कर सकी. उनके वकीलों ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने चुनावी रंजिश के चलते एक बीडीसी सदस्य कौड़िहार के दबाव में ये फर्जी गिरफ्तारी की गई है.
दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने जावेद और असलम की गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए तत्काल रिहा करते हुए कोखराज पुलिस को सख्त लहजे में चेतावनी दी. इसी के साथ जावेद और असलम को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया. पुलिस की ओर से की गई गिरफ्तारी पर पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए इस मामले में 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है.
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