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कौशांबी: हफ्ते भर में 3 लोगों की मौत, निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ केस दर्ज

यूपी के कौशांबी में पूर्णिमा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हफ्ते भर के अंदर एक नवजात सहित तीन लोगों की मौत हो गई है. लगातार हो रही मौत के चलते मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया है.

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तीमारदार.
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Published : Oct 13, 2020, 1:36 PM IST

कौशांबी: जिला अस्पताल के पास संचालित पूर्णिमा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हफ्ते भर के अंदर नवजात सहित तीन लोगों की मौत हो गई है. लगातार हो रही मौत के चलते मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया है. आरोपी अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से प्राइवेट अस्पताल के संचालकों में हड़कंप मच गया है.

निजी अस्पताल के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज.

मंझनपुर जिला अस्पताल के बगल में संचालित पूर्णिमा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में बीती 3 अक्टूबर को टेवा गांव के जावेद को उसके परिजनों ने भर्ती कराया था. जावेद के सिर में सूजन थी. आरोप है कि अस्पताल के संचालक ने सर्जन से जावेद का इलाज कराने की बात कही थी. वहां 5 दिन बीत जाने के बाद भी सर्जन ने इलाज नहीं किया. बीती 8 अक्टूबर को जावेद की मौत हो गई.

बीती 5 अक्टूबर को रमसहाईपुर गांव की आरती मिश्रा को प्रसव पीड़ा होने परिजन उसे पूर्णिमा हॉस्पिटल लाए. परिजनों का आरोप है कि यहां पर अनट्रेंड चिकित्सकों ने महिला का ऑपरेशन कर दिया. ऑपरेशन के बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया. कुछ समय बाद ही बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया.

इसी तरह गोरियों गांव की सुगवती देवी को भी चार दिन पहले परिजनों ने बुखार आने पर अस्पताल में भर्ती कराया. परिजनों का आरोप है कि ठीक से इलाज न होने पर उसकी मौत हो गई. चिकित्सकों ने उसे रात में ही अस्पताल से भगा दिया. इन सभी का आरोप है कि अस्पताल ने 50 से एक लाख रुपये तक जमा करा लिया था. पीड़ित परिजनों ने सीएमओ से मामले की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बीते सोमवार को पीड़ित परिजनों ने एसपी अभिनदंन से शिकायत की. एसपी ने शिकायत को गंभीरता से लिया. साथ ही तत्काल अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश मंझनपुर कोतवाली पुलिस को दिया. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले में अभी भी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई करने में कोताही बरतने में लगे हैं. जब सीएमओ पीएन चतुर्वेदी से दागी अस्पताल और संचालक के बारे में बातचीत करनी चाही तो उन्होंने मीडिया को जवाब देना उचित नहीं समझा.

कौशांबी: जिला अस्पताल के पास संचालित पूर्णिमा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हफ्ते भर के अंदर नवजात सहित तीन लोगों की मौत हो गई है. लगातार हो रही मौत के चलते मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया है. आरोपी अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से प्राइवेट अस्पताल के संचालकों में हड़कंप मच गया है.

निजी अस्पताल के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज.

मंझनपुर जिला अस्पताल के बगल में संचालित पूर्णिमा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में बीती 3 अक्टूबर को टेवा गांव के जावेद को उसके परिजनों ने भर्ती कराया था. जावेद के सिर में सूजन थी. आरोप है कि अस्पताल के संचालक ने सर्जन से जावेद का इलाज कराने की बात कही थी. वहां 5 दिन बीत जाने के बाद भी सर्जन ने इलाज नहीं किया. बीती 8 अक्टूबर को जावेद की मौत हो गई.

बीती 5 अक्टूबर को रमसहाईपुर गांव की आरती मिश्रा को प्रसव पीड़ा होने परिजन उसे पूर्णिमा हॉस्पिटल लाए. परिजनों का आरोप है कि यहां पर अनट्रेंड चिकित्सकों ने महिला का ऑपरेशन कर दिया. ऑपरेशन के बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया. कुछ समय बाद ही बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया.

इसी तरह गोरियों गांव की सुगवती देवी को भी चार दिन पहले परिजनों ने बुखार आने पर अस्पताल में भर्ती कराया. परिजनों का आरोप है कि ठीक से इलाज न होने पर उसकी मौत हो गई. चिकित्सकों ने उसे रात में ही अस्पताल से भगा दिया. इन सभी का आरोप है कि अस्पताल ने 50 से एक लाख रुपये तक जमा करा लिया था. पीड़ित परिजनों ने सीएमओ से मामले की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बीते सोमवार को पीड़ित परिजनों ने एसपी अभिनदंन से शिकायत की. एसपी ने शिकायत को गंभीरता से लिया. साथ ही तत्काल अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश मंझनपुर कोतवाली पुलिस को दिया. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले में अभी भी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई करने में कोताही बरतने में लगे हैं. जब सीएमओ पीएन चतुर्वेदी से दागी अस्पताल और संचालक के बारे में बातचीत करनी चाही तो उन्होंने मीडिया को जवाब देना उचित नहीं समझा.

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