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विरासत की राजनीति छोड़ सपा में शामिल हुईं जाहिदा सुल्तान - मलिक मुहम्मद मुशीर अहमद खान की बेटी

1967 और 1980 में एटा लोकसभा से कांग्रेस सांसद और इंदिरा गांधी के काफी करीब रहे कद्दावर नेता मलिक मुहम्मद मुशीर अहमद खान की बेटी ज़ाहिदा सुल्तान ने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. इसके बाद जिले का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाते नजर आ रहा है. ईटीवी भारत ने ज़ाहिदा सुल्तान के सपा में शामिल होने पर उनसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल किए.

जाहिदा सुल्तान से खास बातचीत
जाहिदा सुल्तान से खास बातचीत
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Published : Mar 22, 2021, 9:52 AM IST

कासगंजः जिले में एक बड़े राजनीतिक घराने के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से जिले का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाने लगा है. 1967 और 1980 में एटा लोकसभा से कांग्रेस सांसद और इंदिरा गांधी के काफी करीब रहे कद्दावर नेता मलिक मुहम्मद मुशीर अहमद खान की बेटी ज़ाहिदा सुल्तान ने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. इसके बाद जिले का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाते नजर आ रहा है. ईटीवी भारत ने ज़ाहिदा सुल्तान के सपा में शामिल होने पर उनसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल किए.

जाहिदा सुल्तान से खास बातचीत.

नगर पंचायत से राजनीति की शुरुआत
पुराने कांग्रेसी और एटा लोकसभा से दो बार के सांसद रहे मलिक मुहम्मद मुशीर अहमद खान की बेटी जाहिदा सुल्तान ने राजनीति की शुरुआत कासगंज जिले की नगर पंचायत सहावर की चेयरपर्सन के रूप की. उन्होंने 2017 में सहावर नगर पंचायत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. अभी हाल ही में ज़ाहिदा सुल्तान ने दादा और पिता की कांग्रेसी विचारधारा को त्याग कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा है. ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि समाजवादी विचारधारा और अखिलेश यादव की जो कार्यशैली है उससे प्रभावित होकर उन्होंने सपा का दामन थामा है.

समाज सेवा की बात
2022 विधानसभा चुनावों में पटियाली विधानसभा से समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रबल दावेदारों में से एक ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि समीकरणों का तो मुझे पता नहीं लेकिन मैं समाजवादी पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुई हूं. जिस तरह से मेरे परिवार ने बीते वर्षों में समाजसेवा की है मैं भी पार्टी में रह कर समाज सेवा करती रहूंगी.

जनता से प्यार मिलने की उम्मीद
पटियाली विधानसभा में सपा की तरफ से तीन प्रबल दावेदार ज़ीनत ख़ान, किरण यादव और जाहिदा सुल्तान का नाम शामिल है. उनकी दावेदारी कितनी मजबूत है इस पर ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि हमारे पिता दो बार एटा लोकसभा से सांसद रहे, मॉडर्न बेकरी के चेयरमैन और जिला पंचायत अध्यक्ष रहे और विगत सात वर्षों से हम लोग नगर पंचायत सहावर से चेयरमैन हैं. हमारे परिवार का लोगों से आत्मीय जुड़ाव रहा है तो हमें भी जनता पूरा प्यार देगी.

द्रोण और खुसरों के लिए काम
पटियाली विधानसभा से सपा की टिकट मिलने पर अपने चुनावी मुद्दे के बारे में उन्होंने कहा कि सबसे पहला मेरा मुद्दा महिलाओं का होगा. महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर मैं उनकी आवाज बनना चाहूंगी और दूसरा पटियाली गुरु द्रोणाचार्य और हजरत अमीर खुसरो की नगरी है तो वहां पर इन दो महान शख्सियतों के लिए कोई बेहतर कार्य करूं.

यह भी पढ़ेंः-जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़, तीन आतंकी ढेर, ऑपरेशन जारी

पटियाली विधानसभा की प्रबल दावेदार
समाजवादी पार्टी और महानदल के गठबंधन पर ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि निश्चित तौर पर यह गठबंधन रंग लाएगा और सपा को विधानसभा चुनावों में इससे लाभ होगा. बता दें कि MBA पास ज़ाहिदा सुल्तान ने अभी हाल ही में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की है और उनको आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों में पटियाली विधानसभा से सपा का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.

कासगंजः जिले में एक बड़े राजनीतिक घराने के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से जिले का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाने लगा है. 1967 और 1980 में एटा लोकसभा से कांग्रेस सांसद और इंदिरा गांधी के काफी करीब रहे कद्दावर नेता मलिक मुहम्मद मुशीर अहमद खान की बेटी ज़ाहिदा सुल्तान ने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. इसके बाद जिले का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाते नजर आ रहा है. ईटीवी भारत ने ज़ाहिदा सुल्तान के सपा में शामिल होने पर उनसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल किए.

जाहिदा सुल्तान से खास बातचीत.

नगर पंचायत से राजनीति की शुरुआत
पुराने कांग्रेसी और एटा लोकसभा से दो बार के सांसद रहे मलिक मुहम्मद मुशीर अहमद खान की बेटी जाहिदा सुल्तान ने राजनीति की शुरुआत कासगंज जिले की नगर पंचायत सहावर की चेयरपर्सन के रूप की. उन्होंने 2017 में सहावर नगर पंचायत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. अभी हाल ही में ज़ाहिदा सुल्तान ने दादा और पिता की कांग्रेसी विचारधारा को त्याग कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा है. ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि समाजवादी विचारधारा और अखिलेश यादव की जो कार्यशैली है उससे प्रभावित होकर उन्होंने सपा का दामन थामा है.

समाज सेवा की बात
2022 विधानसभा चुनावों में पटियाली विधानसभा से समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रबल दावेदारों में से एक ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि समीकरणों का तो मुझे पता नहीं लेकिन मैं समाजवादी पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुई हूं. जिस तरह से मेरे परिवार ने बीते वर्षों में समाजसेवा की है मैं भी पार्टी में रह कर समाज सेवा करती रहूंगी.

जनता से प्यार मिलने की उम्मीद
पटियाली विधानसभा में सपा की तरफ से तीन प्रबल दावेदार ज़ीनत ख़ान, किरण यादव और जाहिदा सुल्तान का नाम शामिल है. उनकी दावेदारी कितनी मजबूत है इस पर ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि हमारे पिता दो बार एटा लोकसभा से सांसद रहे, मॉडर्न बेकरी के चेयरमैन और जिला पंचायत अध्यक्ष रहे और विगत सात वर्षों से हम लोग नगर पंचायत सहावर से चेयरमैन हैं. हमारे परिवार का लोगों से आत्मीय जुड़ाव रहा है तो हमें भी जनता पूरा प्यार देगी.

द्रोण और खुसरों के लिए काम
पटियाली विधानसभा से सपा की टिकट मिलने पर अपने चुनावी मुद्दे के बारे में उन्होंने कहा कि सबसे पहला मेरा मुद्दा महिलाओं का होगा. महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर मैं उनकी आवाज बनना चाहूंगी और दूसरा पटियाली गुरु द्रोणाचार्य और हजरत अमीर खुसरो की नगरी है तो वहां पर इन दो महान शख्सियतों के लिए कोई बेहतर कार्य करूं.

यह भी पढ़ेंः-जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़, तीन आतंकी ढेर, ऑपरेशन जारी

पटियाली विधानसभा की प्रबल दावेदार
समाजवादी पार्टी और महानदल के गठबंधन पर ज़ाहिदा सुल्तान ने कहा कि निश्चित तौर पर यह गठबंधन रंग लाएगा और सपा को विधानसभा चुनावों में इससे लाभ होगा. बता दें कि MBA पास ज़ाहिदा सुल्तान ने अभी हाल ही में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की है और उनको आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों में पटियाली विधानसभा से सपा का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.

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