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जल शक्ति अभियान से वर्षा के जल को बचाने पर जोर दे रही है केंद्र सरकारः उप सचिव राकेश कुमार सिंह - जल शक्ति अभियान

उत्तर प्रदेश के कासगंज में वर्षा जल को बर्बाद होने से बचाने और उसका संचयन करने के लिए भारत सरकार ने विशेष जल शक्ति अभियान चलाया है. कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पानी के स्रोतों का पुनरुद्धार किया जाए और पानी को व्यर्थ न बहने दें.

केंद्र सरकार के उप सचिव राकेश कुमार सिंह
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Published : Jul 16, 2019, 3:17 PM IST

कासगंज: जिले में जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के लिए भारत सरकार ने विशेष जल शक्ति अभियान चलाया है. इस अभियान के लिए भारत सरकार ने उपसचिव मत्स्य राकेश कुमार सिंह एवं वैज्ञानिक सत्यजीत रॉय को 8 से 10 जुलाई तक जनपद कासगंज में रहकर जल शक्ति अभियान से जुड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक तथा कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने को कहा गया है.

केंद्र सरकार के उप सचिव राकेश कुमार सिंह से ईटीवी की खास बातचीत
ईटीवी भारत से खास बातचीत में जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा-
  • विश्व में हमारे देश की जनसंख्या 17% तथा जल की उपलब्धता मात्र 4% है.
  • पानी मानव जीवन की मूल आवश्यकता है.
  • वर्षा का पानी यूं ही बहकर बेकार चला जाता है.
  • जल संकट से उबरने के लिए जल संचयन बहुत जरूरी है.
  • भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई से 15 सितंबर 2019 तक अभियान चलाया जा रहा है.
  • वर्षाकाल जल संरक्षण, जल संचयन एवं वृक्षारोपण के लिए महत्वपूर्ण समय है.
  • बारिश का जो पानी सड़कों पर जमा होता है, नालियों के माध्यम से तालाबों में एकत्रित किया जाए.


क्या कहते हैं वैज्ञानिक

वैज्ञानिक सत्यजीत रॉय ने बताया कि नहरों की सिल्ट सफाई करके निकलने वाली मिट्टी बहुत उपयोगी होती है. इसे नहर के किनारों पर इकट्ठा करके करने के बजाय खेती के लिए उपयोग में लाया जाए. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के ड्रम उपयोग करके हम किसी प्रकार के रेनवाटर हार्वेस्टिंग को न्यूनतम खर्च में अपना सकते हैं. जिले मे बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कराने की आवश्यकता है, जिससे वर्षा जल संचयन मे मदद मिलेगी.

कासगंज: जिले में जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के लिए भारत सरकार ने विशेष जल शक्ति अभियान चलाया है. इस अभियान के लिए भारत सरकार ने उपसचिव मत्स्य राकेश कुमार सिंह एवं वैज्ञानिक सत्यजीत रॉय को 8 से 10 जुलाई तक जनपद कासगंज में रहकर जल शक्ति अभियान से जुड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक तथा कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने को कहा गया है.

केंद्र सरकार के उप सचिव राकेश कुमार सिंह से ईटीवी की खास बातचीत
ईटीवी भारत से खास बातचीत में जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा-
  • विश्व में हमारे देश की जनसंख्या 17% तथा जल की उपलब्धता मात्र 4% है.
  • पानी मानव जीवन की मूल आवश्यकता है.
  • वर्षा का पानी यूं ही बहकर बेकार चला जाता है.
  • जल संकट से उबरने के लिए जल संचयन बहुत जरूरी है.
  • भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई से 15 सितंबर 2019 तक अभियान चलाया जा रहा है.
  • वर्षाकाल जल संरक्षण, जल संचयन एवं वृक्षारोपण के लिए महत्वपूर्ण समय है.
  • बारिश का जो पानी सड़कों पर जमा होता है, नालियों के माध्यम से तालाबों में एकत्रित किया जाए.


क्या कहते हैं वैज्ञानिक

वैज्ञानिक सत्यजीत रॉय ने बताया कि नहरों की सिल्ट सफाई करके निकलने वाली मिट्टी बहुत उपयोगी होती है. इसे नहर के किनारों पर इकट्ठा करके करने के बजाय खेती के लिए उपयोग में लाया जाए. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के ड्रम उपयोग करके हम किसी प्रकार के रेनवाटर हार्वेस्टिंग को न्यूनतम खर्च में अपना सकते हैं. जिले मे बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कराने की आवश्यकता है, जिससे वर्षा जल संचयन मे मदद मिलेगी.

Intro:Place - Kasganj
Date - 11 July 2019
Reporter - Dharmendra Singh
Mo no - 8448949265


जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के लिए भारत सरकार द्वारा विशेष जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान हेतु भारत सरकार द्वारा नामित राकेश कुमार सिंह उपसचिव मत्स्य एवं सत्यजीत रॉय वैज्ञानिक केंद्रीय मृदा एवं खनन रिसर्च द्वारा 8 से 10 जुलाई तक जनपद कासगंज में रहकर जल शक्ति अभियान से जुड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक तथा कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया गया।


Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत में जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी राकेश कुमार सिंह उपसचिव मत्स्य और साइंटिस्ट सत्यजीत रॉय ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में लगातार गिरते जलस्तर के गंभीर संकट की स्थिति पर चिंता जाहिर की। उन्होनें बताया कि विश्व में हमारे देश की जनसंख्या 17% तथा जल की उपलब्धता मात्र 4% है। जल ही जीवन है। पानी मानव जीवन की मूल आवश्यकता है वर्षा का पानी यूं ही बहकर बेकार चला जाता है। जल संकट से उबरने के लिए जल संचयन बहुत जरूरी है। भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई से 15 सितंबर 2019 तक अभियान चलाया जा रहा है वर्षाकाल जल संरक्षण, जल संचयन एवं वृक्षारोपण के लिए महत्वपूर्ण समय है।


साइंटिस्ट सत्यजीत रॉय ने बताया कि नहरों की सिल्ट सफाई करके निकलने वाली मिट्टी बहुत उपयोगी होती है इसे नहर के किनारों पर इकट्ठा करके करने के बजाय खेती के लिए उपयोग में लाया जाए। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के ड्रम उपयोग करके हम किसी प्रकार के रेनवाटर हार्वेस्टिंग को न्यूनतम खर्च में अपना सकते हैं।

उप सचिव ने बताया कि विकास भवन, जिलाधिकारी आवास, जनपद न्यायालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य पूर्ण है। कलेक्ट्रेट, नवोदय विद्यालय एवं एसपी कार्यालय भवन, जिला चिकित्सालय तथा तहसील सहावर भवन में जल्द कार्य पूर्ण कराया जाएगा।


नोडल अधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है या नहीं तत्काल चेक कराएं बारिश के पानी के संरक्षण के लिये प्रत्येक सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा होना चाहिए। वहीं उपसचिव ने जिले के अधिकारियों के साथ कई गाँव मे जाकर लोगों को वर्षा जल संचयन व संरक्षण के बारे में जानकारी दी।

पानी के स्रोतों का पुनरुद्धार किया जाए पानी को व्यर्थ न बहने दें । बारिश का जो पानी सड़कों पर जमा होता है नालियों के माध्यम से गड्ढों के तालाबों में एकत्रित किया जाए।

वही उनके सहयोगी वैज्ञानिक सत्यजीत रॉय ने कहा कि जिले मे बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कराने की आवश्यकता है जिससे वर्षा जल संचयन मे मदद मिलेगी।




Conclusion:ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के मुख्यान्श केंद्र सरकार के उपसचिव राकेश कुमार सिंह व उनके सहयोगी वैज्ञानिक सत्यजीत रॉय ने वर्षा जल संचयन पर रखे अपने विचार
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