कासगंज: जनपद में सफल वृक्षारोपण का दावा कर रहे प्रशासन की ईटीवी भारत के रियलिटी टेस्ट में पोल खुल गई. दरअसल पिछले दिनों जिलाधिकारी ने वृक्षारोपण कर सबको एक-एक पौधे की जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन रविवार को जब ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची तो पौधों से पत्तियां और नाम टैगिंग की तख्ती भी गायब थी. अब यही पता नहीं चल रहा कि किस पौधे की जिम्मेदारी किस व्यक्ति के नाम है तो भला ऐसे में पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी कैसे तय होगी.
- दरअसल 6 अगस्त को जिले में जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह और एसपी सुशील चन्द्रभान घुले सहित कई अधिकारियों ने वृक्षारोपण किया था.
- बाकायदा प्रत्येक पौधे पर रोपने वाले की नाम की तख्ती लगाई गई थी.
- जिससे ये तय होना था कि जिसने जो पौधा लगाया है उसकी परवरिश की जिम्मेदारी उसी व्यक्ति की होगी.
- पौधारोपण हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता है और पौधों से पत्तियों के साथ-साथ नाम की तख्ती भी गायब हो गए.
- अब भला कैसे पता लगेगा कि कौन सा पौधा किसने लगाया है और उस पौधे की परवरिश की जिम्मेदारी किसकी होगी.
- मतलब साफ है कि जिलाधिकारी के निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन नहीं हुआ.
- जिलाधिकारी ने कहा था कि पौधा लगाना बहादुरी की बात नहीं है, पौधे को जीवित रखना बड़ी बात है.
वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए जनपद के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह तो गंभीर दिखे लेकिन उनके मातहत वृक्षारोपण को महज एक कार्यक्रम ही समझा. उसकी बानगी भर है पौधों से पत्तियां और नामों की तख्तियों का गायब होना.