कासगंज: मैं मुस्लिम हूं, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान, ला मैं तेरी गीता पढ़ लूं और तू पढ़ ले मेरा कुरान... कासगंज के सुप्रसिद्ध मां चामुंडा के मंदिर के बाहर एक शख्स बीते 17 सालों से नवरात्र में वहां माता रानी के दर्शन को आने वाले भक्तों के लिए प्याऊ लगाता आ रहा है. ताकि मंदिर में दर्शन को आने वाले भक्तों की प्यास बुझाई जा सके. वहीं, हिन्दू-मुस्लिम एकता और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बने कासगंज के डॉ. आरजू अहमद से ईटीवी भारत ने खास बातचीत.
कासगंज के रहने वाले डॉ. आरजू पेशे से जर्राह हैं और मां चामुंडा के मंदिर के पास में इनकी क्लीनिक है. डॉ. आरजब बीते 17 सालों से हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों पर ठंडे व मीठे पानी की प्याऊ लगाते हैं. हमने जब इनके बारे में सुना तो हम भी उनसे बिना मिले नहीं रह पाए. हालांकि, जब इसके बारे में डॉ. आरजू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह बीते 17 सालों से चामुंडा मंदिर के बाहर प्याऊ लगाते रहे हैं. कुछ समय वो खुद वहां खड़े होकर माता रानी के दर्शन को आने वाले भक्तों को पानी पिलाते हैं.
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डॉक्टर साहब ने बताया कि सबको एक ही जगह जाना है. ऐसे में फिर भेदभाव कैसा. माता रानी की सेवा करने पर हमारे कौम के लोग क्या सोचते हैं, इससे भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. वहीं, उन्होंने आगे कहा कि नवरात्र के दौरान यहां भारी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं और वो प्यास से हलकान होते हैं. यहां तक कि कुछ श्रद्धालु बेहोश भी हो जाते हैं. यही कारण है कि वो ऐसे श्रद्धालुओं की मदद और उनकी प्यास बुझाने को यहां प्याऊ लगाते हैं और यह सिलसिला विगत 17 वर्षों से बदस्तूर जारी है.
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