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पैसे के लिए रचा अपने ही अपहरण का नाटक, पांच साल बाद गिरफ्तार

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Published : Jan 3, 2021, 6:35 PM IST

कासगंज के सदर कोतवाली क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां लोगों से लिए पैसे हड़पने के लिए एक व्यक्ति ने अपने ही अपहरण की साजिश रच दी.

पैसे के लिए रचा अपने ही अपहरण का नाटक.
पैसे के लिए रचा अपने ही अपहरण का नाटक.

कासगंज : ठगी के लाखों रुपयों को हड़पने के लिए एक व्यक्ति ने जिले में अपने ही अपहरण का नाटक रचा और गायब हो गया. बड़ी बात यह कि वह व्यक्ति 5 वर्षों तक गायब रहा. अब पुलिस ने एसओजी और सर्विलांस टीम की मदद से शातिर सुनील को गिरफ्तार कर लिया है.

पैसे के लिए रचा अपने ही अपहरण का नाटक.

अपहरण की लिखाई झूठी रिपोर्ट

दरअसल मामला कासगंज के सदर कोतवाली क्षेत्र के सांता पुरी कॉलोनी का है. यहां 25 जनवरी 2015 को राजबहादुर ने अपने पुत्र सुनील के अपहरण की रिपोर्ट मुनखिर दयाल मिश्रा, शैलेन्द्र, तिलक सिंह, सन्तोष के खिलाफ कोतवाली में दर्ज कराई थी. लेकिन पुलिस जांच में अपहरण का कोई साक्ष्य नहीं मिला था. इस आधार पर विवेचक ने अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की थी. इसके बाद शिकायतकर्ता राज बहादुर ने पुलिस द्वारा मामले में उचित कार्यवाही न किये जाने की शिकायत न्यायालय में की. न्यायालय ने 7 जनवरी 2021 को मामले में कासगंज एसपी को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए. वहीं अब एसओजी और सर्विलांस टीम की मदद से पुलिस ने पांच वर्षों से अपहरण के झूठे नाटक में ग़ायब चल रहे युवक सुनील को धर दबोचा है.

पैसे के लिए किया अपहरण का नाटक
गिरफ्तार अभियुक्त सुनील ने पूछताछ में बताया कि मेरे पिता और मैनें योजनाबद्ध तरीके से स्वयं के अपहरण का झूठा अभियोग कोतवाली कासगंज में पंजीकृत कराया था. लोगों की मेरे ऊपर लाखों रुपयों की देनदारी थी, इसलिए अपने ऊपर दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी से बचने के लिये मैं सोनीपत भाग गया था. जब पुलिस मुझे सोनीपत तलाश करने गयी तो मैं दिल्ली (आनन्द विहार) जाकर मजदूरी करने लगा था. तब से मैं आनन्द विहार में ही रह रहा था. अभियुक्त सुनील ने बताया कि वह लगातार अपने परिवार के संपर्क में था. फिलहाल गिरफ्तार अभियुक्त सुनील को पुलिस ने जेल भेज दिया है. वहीं कासगंज एसपी मनोज कुमार सोनकर ने पुलिस टीम को 10 हज़ार रुपए पुरस्कार की घोषणा की है.

कासगंज : ठगी के लाखों रुपयों को हड़पने के लिए एक व्यक्ति ने जिले में अपने ही अपहरण का नाटक रचा और गायब हो गया. बड़ी बात यह कि वह व्यक्ति 5 वर्षों तक गायब रहा. अब पुलिस ने एसओजी और सर्विलांस टीम की मदद से शातिर सुनील को गिरफ्तार कर लिया है.

पैसे के लिए रचा अपने ही अपहरण का नाटक.

अपहरण की लिखाई झूठी रिपोर्ट

दरअसल मामला कासगंज के सदर कोतवाली क्षेत्र के सांता पुरी कॉलोनी का है. यहां 25 जनवरी 2015 को राजबहादुर ने अपने पुत्र सुनील के अपहरण की रिपोर्ट मुनखिर दयाल मिश्रा, शैलेन्द्र, तिलक सिंह, सन्तोष के खिलाफ कोतवाली में दर्ज कराई थी. लेकिन पुलिस जांच में अपहरण का कोई साक्ष्य नहीं मिला था. इस आधार पर विवेचक ने अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की थी. इसके बाद शिकायतकर्ता राज बहादुर ने पुलिस द्वारा मामले में उचित कार्यवाही न किये जाने की शिकायत न्यायालय में की. न्यायालय ने 7 जनवरी 2021 को मामले में कासगंज एसपी को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए. वहीं अब एसओजी और सर्विलांस टीम की मदद से पुलिस ने पांच वर्षों से अपहरण के झूठे नाटक में ग़ायब चल रहे युवक सुनील को धर दबोचा है.

पैसे के लिए किया अपहरण का नाटक
गिरफ्तार अभियुक्त सुनील ने पूछताछ में बताया कि मेरे पिता और मैनें योजनाबद्ध तरीके से स्वयं के अपहरण का झूठा अभियोग कोतवाली कासगंज में पंजीकृत कराया था. लोगों की मेरे ऊपर लाखों रुपयों की देनदारी थी, इसलिए अपने ऊपर दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी से बचने के लिये मैं सोनीपत भाग गया था. जब पुलिस मुझे सोनीपत तलाश करने गयी तो मैं दिल्ली (आनन्द विहार) जाकर मजदूरी करने लगा था. तब से मैं आनन्द विहार में ही रह रहा था. अभियुक्त सुनील ने बताया कि वह लगातार अपने परिवार के संपर्क में था. फिलहाल गिरफ्तार अभियुक्त सुनील को पुलिस ने जेल भेज दिया है. वहीं कासगंज एसपी मनोज कुमार सोनकर ने पुलिस टीम को 10 हज़ार रुपए पुरस्कार की घोषणा की है.

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