कासगंज: रमजान का महीना चल रहा है, इस दौरान रोजेदार रोजा रखते हैं. रोजेदार रोजाना शाम को अपना रोजा खजूर खाकर खोलते हैं. खजूर खाकर रोजा खोलने के पीछे के रहस्य को अनवर अली ईसार ने ईटीवी भारत से बातचीत में साझा किया.
- अनवर अली ईसार ने बताया कि खजूर से रोजा खोलना सुन्नत है.
- सुन्नत के मायने हैं कि जिस चीज को अल्लाह के नबी ने किया है या अल्लाह के नबी जिस चीज को पसंद करते थे.
- अल्लाह के नबी रोजा खजूर या पानी से खोला करते थे. इसलिए मुसलमान खजूर से रोजा खोलते हैं.
- वहीं अनवर अली ईसार ने खजूर के फायदे के बारे में बताया कि खजूर में फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
अनवर अली ईसार ने बताया कि अल्लाह के नबी के एक खास बंदे हजरत-ए-बिलाल थे, जो पैरों से लाचार थे और खजूर बेचा करते थे. उस समय अमीर-गरीब का माहौल था. कोई अमीर आदमी उनसे खजूर नहीं खरीदा करता था. एक बार अल्लाह के नबी वहां से गुजर रहे थे, तो हजरत-ए-बिलाल ने नबी से कहा कि हुजूर हमारी यह खजूर नहीं बिकती. यह सुनकर अल्लाह के नबी वहां खड़े हो गए और आवाज लगाई बिलाल के खजूर खरीदो, इसके कई फायदे हैं. इससे पेट के रोग नहीं होते हैं. इसको खाने से ब्लड प्रेशर भी सही रहता है और दिल की बीमारी भी नहीं होती है. अल्लाह के नबी ने खजूर की तारीफ की. वहीं जिसकी तारीफ नबी कर दें उसको मुसलमान पसंद करते हैं. इस तरह बिलाल के सभी खजूर बिक गए, तब से लोग खजूर से रोजा खोलते हैं.