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जानिए, रमजान के महीने में क्यों खजूर से रोजा खोलते हैं रोजेदार - रमजान के महीने में खजूर से रोजा खोलते हैं रोजेदार

रमजान का महीना चल रहा है. रोजेदार रोजाना शाम को खजूर खाकर रोजा खोलते हैं. कहा जाता है कि अल्लाह के नबी खजूर या पानी से रोजा खोला करते थे, इसलिए मुसलमान खजूर से रोजा खोलते हैं.

ईटीवी भारत ने अनवर अली ईसार से की बातचीत.
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Published : May 20, 2019, 10:30 AM IST

कासगंज: रमजान का महीना चल रहा है, इस दौरान रोजेदार रोजा रखते हैं. रोजेदार रोजाना शाम को अपना रोजा खजूर खाकर खोलते हैं. खजूर खाकर रोजा खोलने के पीछे के रहस्य को अनवर अली ईसार ने ईटीवी भारत से बातचीत में साझा किया.

ईटीवी भारत ने अनवर अली ईसार से की बातचीत.
ईटीवी भारत ने अनवर अली ईसार से की बातचीत-
  • अनवर अली ईसार ने बताया कि खजूर से रोजा खोलना सुन्नत है.
  • सुन्नत के मायने हैं कि जिस चीज को अल्लाह के नबी ने किया है या अल्लाह के नबी जिस चीज को पसंद करते थे.
  • अल्लाह के नबी रोजा खजूर या पानी से खोला करते थे. इसलिए मुसलमान खजूर से रोजा खोलते हैं.
  • वहीं अनवर अली ईसार ने खजूर के फायदे के बारे में बताया कि खजूर में फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

अनवर अली ईसार ने बताया कि अल्लाह के नबी के एक खास बंदे हजरत-ए-बिलाल थे, जो पैरों से लाचार थे और खजूर बेचा करते थे. उस समय अमीर-गरीब का माहौल था. कोई अमीर आदमी उनसे खजूर नहीं खरीदा करता था. एक बार अल्लाह के नबी वहां से गुजर रहे थे, तो हजरत-ए-बिलाल ने नबी से कहा कि हुजूर हमारी यह खजूर नहीं बिकती. यह सुनकर अल्लाह के नबी वहां खड़े हो गए और आवाज लगाई बिलाल के खजूर खरीदो, इसके कई फायदे हैं. इससे पेट के रोग नहीं होते हैं. इसको खाने से ब्लड प्रेशर भी सही रहता है और दिल की बीमारी भी नहीं होती है. अल्लाह के नबी ने खजूर की तारीफ की. वहीं जिसकी तारीफ नबी कर दें उसको मुसलमान पसंद करते हैं. इस तरह बिलाल के सभी खजूर बिक गए, तब से लोग खजूर से रोजा खोलते हैं.

कासगंज: रमजान का महीना चल रहा है, इस दौरान रोजेदार रोजा रखते हैं. रोजेदार रोजाना शाम को अपना रोजा खजूर खाकर खोलते हैं. खजूर खाकर रोजा खोलने के पीछे के रहस्य को अनवर अली ईसार ने ईटीवी भारत से बातचीत में साझा किया.

ईटीवी भारत ने अनवर अली ईसार से की बातचीत.
ईटीवी भारत ने अनवर अली ईसार से की बातचीत-
  • अनवर अली ईसार ने बताया कि खजूर से रोजा खोलना सुन्नत है.
  • सुन्नत के मायने हैं कि जिस चीज को अल्लाह के नबी ने किया है या अल्लाह के नबी जिस चीज को पसंद करते थे.
  • अल्लाह के नबी रोजा खजूर या पानी से खोला करते थे. इसलिए मुसलमान खजूर से रोजा खोलते हैं.
  • वहीं अनवर अली ईसार ने खजूर के फायदे के बारे में बताया कि खजूर में फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

अनवर अली ईसार ने बताया कि अल्लाह के नबी के एक खास बंदे हजरत-ए-बिलाल थे, जो पैरों से लाचार थे और खजूर बेचा करते थे. उस समय अमीर-गरीब का माहौल था. कोई अमीर आदमी उनसे खजूर नहीं खरीदा करता था. एक बार अल्लाह के नबी वहां से गुजर रहे थे, तो हजरत-ए-बिलाल ने नबी से कहा कि हुजूर हमारी यह खजूर नहीं बिकती. यह सुनकर अल्लाह के नबी वहां खड़े हो गए और आवाज लगाई बिलाल के खजूर खरीदो, इसके कई फायदे हैं. इससे पेट के रोग नहीं होते हैं. इसको खाने से ब्लड प्रेशर भी सही रहता है और दिल की बीमारी भी नहीं होती है. अल्लाह के नबी ने खजूर की तारीफ की. वहीं जिसकी तारीफ नबी कर दें उसको मुसलमान पसंद करते हैं. इस तरह बिलाल के सभी खजूर बिक गए, तब से लोग खजूर से रोजा खोलते हैं.

Intro:स्लग-रमजान के महीने में खजूर से रोजा क्यों खोलते हैं रोजेदार


एंकर-रमज़ान का मुक़द्दस महीना चल रहा है बढ़ती तपिश में भी रोज़ेदार अपने रोज़े पर क़ायम हैं और अपने नबी की सुन्नत पर चल रहे हैं। ऐसे में एक सवाल आता है कि रोज़ेदार रोज़ाना शाम को अपना रोज़ा खजूर खाकर ही क्यों खोलते हैं।इस बारे में विद्वान अनवर अली ईसार ने ईटीवी भारत से बातचीत में इस रहस्य को उजागर किया।


Body:वीओ-1-अनवर अली ईसार ने बताया कि खजूर से रोज़ा खोलना सुन्नत है।सुन्नत के मायने हैं कि जिस चीज़ को अल्हा के नबी ने किया है या अल्हा के नबी जिस चीज़ को पसंद करते थे।अल्हा के नबी रोज़ा खजूर या पानी से खोला करते थे इस लिए मुसलमान खजूर से रोज़ा खोलते हैं।वहीं अनवर अली ईसार ने खजूर के फायदे के बारे में बताया कि खजूर में फ़ास्फ़ोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

वीओ-2-अनवर अली ईसार ने एक वाक्ये का ज़िक्र करते हुए कहा कि अल्हा के नबी के एक ख़ास बंदे हज़रत-ए-बिलाल हुए जो पैरों से लाचार थे और खजूर बेचा करते थे उस समय अमीर ग़रीब का माहौल था तो कोई अमीर आदमी उनसे खजूर नहीं ख़रीदा करता था।एक बार अल्हा के नबी का वहां से गुजरना हुआ तो हज़रत-ए-बिलाल ने नबी से कहा कि हुज़ूर हमारी यह खजूर नहीं बिकती कोई हमसे नहीं ख़रीदता यह सुनकर अल्हा के नबी वहां खड़े हो गए और आवाज़ लगाई आओ जी बिलाल के खजूर खरीदो यह अजुआ खजूर है इसमें सत्तर फायदे हैं इससे भूख नहीं लगती है पेट के रोग नहीं होते हैं इसको खाने से ब्लड प्रेशर भी सही रहता है,दिल की बीमारी नहीं होती।खजूर की अल्हा के नबी ने तारीफ़ कर दी और जिसकी तारीफ नबी कर दे उसको मुसलमान पसंद करता है। इस तरह बिलाल के सभी खजूर बिक गए।तभी से लोग खजूर से रोजा खोलते हैं।


वन टू वन-अनवर अली ईसार (मुस्लिम विद्वान)


Conclusion:
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