कासगंज : सूबे की योगी सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लाख दावे भले ही किए हों, लेकिन ये दावे खोखले ही साबित हुए हैं. यूपी के कासगंज को फर्रुखाबाद से जोड़ने वाली एकमात्र पीडब्ल्यूडी की सड़क को देखकर सरकार के दावे हवा हवाई ही नजर आएंगे. विगत 15 वर्षों से यह सड़क जर्जर है. बारहों महीने इस सड़क पर जलभराव रहता है.
दरअसल, कासगंज से पटियाली, दरियावगंज और राजा का रामपुर होते हुए फर्रुखाबाद को जाने वाली एक मात्र सड़क का वह हिस्सा जो जनपद कासगंज में आता है. विगत दो दशक से खराब पड़ा है. ग्राम ताजपुर तिगरा पर इस सड़क की स्थिति यह है कि सड़क में अनगिनित बड़े-बड़े गड्ढे हैं. इन गड्ढों में गांव के घरों का पानी आकर जमा होता है, जिससे यहां बारहों महीने जलभराव रहता है. वहीं बारिश के मौसम में यह सड़क तालाब बन जाती है. इसके चलते आने-जाने वाले वाहनों को काफी दिक्कतें होती हैं. साथ ही हमेशा जलभराव के चलते पानी में बदबू आने लगती है और मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है.
लग्जरी वाहन यहां से न गुजरकर कई किलोमीटर का चक्कर काटकर अलीगंज होते हुए फर्रुखाबाद के लिए निकलते हैं. जो वाहन यहां से गुजरते हैं, उनके आये दिन कल पुर्जे टूटते रहते हैं. स्थानीय निवासी सड़क के किनारे पगडंडी बनाकर गुजरते हैं. वहीं अक्सर दोपहिया वाहन चालक इन गड्ढों के चलते दुर्घटना का शिकार होते हैं.
इसे लेकर जब ग्रामीणों से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि पीडब्लूडी विभाग के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते इस सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है. ग्रामीणों ने क्षेत्रीय बीजेपी विधायक ममतेश शाक्य पर भी सड़क निर्माण कार्य में रुचि न लेने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने कहा कि विधायक सिर्फ वोट मांगने आते हैं उसके बाद वह नजर नहीं आते. ग्रामीणों ने 2022 में वर्तमान विधायक को वोट न देने की बात कही है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि यह सड़क लगभग पंद्रह वर्षों से ऐसे ही जर्जर पड़ी है. आये दिन यहां बीच सड़क पर वाहन खराब हो जाते हैं जिसके चलते जाम लगा रहता है.
कुल मिलाकर दो दशकों से ग्राम ताजपुर तिगरा के ग्रामीण इस सड़क के खराब होने के चलते नारकीय जीवन जी रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि जल्द ही उनकी यह सड़क ठीक कराई जाए, जिससे उन्हें इस नारकीय जीवन से मुक्ति मिल सके.
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