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कासगंज: डीएम ने की गंगा किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित जगह जाने की अपील

उत्तर प्रदेश के कासगंज में डीएम ने गंगा किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित जगह जाने की अपील की है. जिलाधिकारी ने गंगा से सटे लगभग 12 गांवों का निरीक्षण किया और संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए अधीनस्थों को दिशानिर्देश जारी किए.

गंगा में बाढ़ का खतरा.
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Published : Aug 21, 2019, 4:56 AM IST

कासगंज: जिलाधिकारी कासगंज एवं अपर जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए गंगा से सटे गांवों का निरीक्षण किया. उन्होंने ग्रामीणों से सुरक्षित जगह चले जाने की अपील की है. नरोरा बांध से 350 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है.

लोगों से सुरक्षित जगह जाने की अपील करते डीएम--
कासगंज प्रशासन बाढ़ से निपटने को तैयार-
  • कासगंज जनपद में प्रतिवर्ष दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं और सैकड़ों लोग बेघर हो जाते हैं.
  • जिलाधिकारी कासगंज चंद्र प्रकाश सिंह एवं अपर जिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने गंगा से सटे लगभग एक दर्जन गांवों का निरीक्षण किया.
  • जिलाधिकारी ने मनरेगा द्वारा तैयार किए गए बांध का भी निरीक्षण किया.
  • गंगा का जलस्तर इस समय एक लाख 65 हजार क्यूसेक चल रहा है.
  • नरौरा बांध से 350 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है जो कल दोपहर तक कासगंज पहुंचेगा,जिससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है.

जनपद कासगंज की तीनों तहसीलों के 72 गांव प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित रहते हैं और अभी कल बिजनौर से 350 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते नौ बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं एवं विस्थापित लोगों के रहने एवं खाने की व्यवस्था पूर्व में ही कर ली गई है.वहीं पीएसी की फ्लड कंपनी भी बुलाई गई है. बाढ़ की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरीके से तैयार है.
-चन्द्र प्रकाश सिंह,जिलाधिकारी

कासगंज: जिलाधिकारी कासगंज एवं अपर जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए गंगा से सटे गांवों का निरीक्षण किया. उन्होंने ग्रामीणों से सुरक्षित जगह चले जाने की अपील की है. नरोरा बांध से 350 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है.

लोगों से सुरक्षित जगह जाने की अपील करते डीएम--
कासगंज प्रशासन बाढ़ से निपटने को तैयार-
  • कासगंज जनपद में प्रतिवर्ष दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं और सैकड़ों लोग बेघर हो जाते हैं.
  • जिलाधिकारी कासगंज चंद्र प्रकाश सिंह एवं अपर जिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने गंगा से सटे लगभग एक दर्जन गांवों का निरीक्षण किया.
  • जिलाधिकारी ने मनरेगा द्वारा तैयार किए गए बांध का भी निरीक्षण किया.
  • गंगा का जलस्तर इस समय एक लाख 65 हजार क्यूसेक चल रहा है.
  • नरौरा बांध से 350 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है जो कल दोपहर तक कासगंज पहुंचेगा,जिससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है.

जनपद कासगंज की तीनों तहसीलों के 72 गांव प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित रहते हैं और अभी कल बिजनौर से 350 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते नौ बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं एवं विस्थापित लोगों के रहने एवं खाने की व्यवस्था पूर्व में ही कर ली गई है.वहीं पीएसी की फ्लड कंपनी भी बुलाई गई है. बाढ़ की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरीके से तैयार है.
-चन्द्र प्रकाश सिंह,जिलाधिकारी

Intro:जिलाधिकारी कासगंज एवं अपर जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए आज गंगा से सटे गांवों का निरीक्षण किया। एवं ग्रामीणों से सुरक्षित जगह चले जाने की अपील की। नरोरा से 350 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है।


Body:वीओ-1- आज जिलाधिकारी कासगंज चंद्र प्रकाश सिंह एवं अपर जिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने गंगा से सटे लगभग 1 दर्जन गांवों का निरीक्षण किया एवं संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए अधीनस्थों को दिशानिर्देश जारी किए। जिलाधिकारी ने मनरेगा द्वारा तैयार किए गए बांध का भी निरीक्षण किया। आपको बता दें गंगा का जलस्तर इस समय एक लाख 65 हजार क्यूसेक चल रहा है। जबकि नरौरा बांध से 350 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है जो कल दोपहर तक कासगंज पहुंचेगा। जिससे निश्चित तौर पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

वीओ-2- जिलाधिकारी कासगंज चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया जनपद कासगंज की तीनों तहसीलों के 72 गांव प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। और अभी कल बिजनौर से 350 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके चलते 9 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं एवं विस्थापित लोगों के रहने एवं खाने की व्यवस्था पूर्व में ही कर ली गई है। वहीं पीएसी की फ्लड कंपनी भी बुलाई गई है। बाढ़ की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरीके से तैयार है।

बाइट-चन्द्र प्रकाश सिंह -जिलाधिकारी


Conclusion:कासगंज जनपद में प्रतिवर्ष दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं और सैकड़ों लोग बेघर हो जाते हैं प्रशासन के द्वारा किए गए भरसक प्रयास भी इस स्थिति में नाकाफी होते हैं। ऐसे में जरूरत है शासन एवं प्रशासन को बाढ़ से निपटने के ठोस उपायों की जिससे प्रतिवर्ष की बाढ़ की विभीषिका से गंगा के किनारे रह रहे लोगों को बचाया जा सके।
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