कासगंज: पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और मायावती के सुरक्षा दस्ते में तैनात रहे कमांडो और वर्तमान में कासगंज की नगर पंचायत अमांपुर के चेयरमैन चांद अली ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी पाई थी. इसका खुलासा सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत की जांच के बाद हुआ. इस पूरे मामले में कौशांबी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, चांद अली ने उनके ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है.
जनपद के अमांपुर ब्लॉक के ग्राम ददवारा के रहने वाले चांद अली ने साल 1996 में 41वीं वाहिनी पीएसी में नौकर हासिल की थी, जिसके बाद उन्हें वैशाली साहिबाबाद में तैनाती मिली. गौरतलब है कि चांद अली ने लगभग 20 वर्ष नौकरी करने के बाद साल 2017 में पीएसी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. नौकरी छोड़ने के बाद चांद अली ने राजनीति में प्रवेश किया और कासगंज जनपद की अमांपुर नगर पंचायत से चेयरमैन चुने गए.
कमांडो चांद अली खान के गांव ददवारा के ही रहने वाले अकील अहमद ने 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ से वर्ष 2017 में येच्छिक सेवानिवृत्त लेने वाले आरक्षी चांद अली के खिलाफ मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की थी. शासन की तरफ से मामले की जांच के निर्देश 32वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक अजय प्रताप सिंह को दिए गए. जांच में पाया गया कि सामान्य जाति के चांद अली ने मोमिन अंसार पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाया और यही जाति प्रमाण पत्र लगाकर वर्ष 1996 में 41वीं वाहिनी पीएसी वैशाली साहिबाबाद में नौकरी हासिल की थी.
शिकायतकर्ता अकील अहमद ने बताया कि चांद अली ने वर्ष 1996 में कासगंज तहसील से जाति प्रमाण पत्र बनवाया था. शिकायत के बाद डीएम के निर्देश पर 27 जुलाई 2022 को यह फर्जी प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया. साथ ही चांद अली के खिलाफ 41वीं वाहिनी पीएसी के प्रधान लिपिक निरीक्षक संजीव गुप्ता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कौशांबी को तहरीर दी, जिसके बाद चांद अली के खिलाफ कौशांबी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया.
गौरतलब है कि पीएसी में नौकरी पाने के बाद चांद अली सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा दस्ते में कमांडो रह चुके हैं. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती की सुरक्षा में भी तैनात रहे हैं.
वहीं जब इस मामले में कमांडो चांद से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि मैं सामान्य जाति का हूं. इस मामले की जांच हाईकोर्ट के द्वारा कराई जा चुकी है जो मेरे पक्ष में आई है. मैंने आज तक कोई भी प्रमाण पत्र पिछड़ी जाति का नहीं बनवाया है और मैं जल्द ही शिकायतकर्ता पर झूठी शिकायत करने के चलते मानहानि का दावा करूंगा.
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