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वर्ल्ड वेटलैंड डेः कासगंज में मनाया गया बर्ड फेस्टिवल, स्कूली बच्चों ने समझी उपयोगिता

यूपी के कासगंज जिले में बर्ड फेस्टिवल मनाया गया. बर्ड फेस्टिवल में कई विद्यालयों के बच्चों ने भाग लिया और प्रतियोगिता के माध्यम से इस फेस्टिवल की उपयोगिता समझी.

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Published : Feb 2, 2020, 11:05 PM IST

Updated : Feb 2, 2020, 11:10 PM IST

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कासगंज में मनाया गया बर्ड फेस्टिवल

कासगंज: वर्ल्ड वेटलैंड डे पर जनपद के दरियागंज स्थित 101 हेक्टेयर में फैली गोखुर आर्द्रभूमि पर जिला वेटलैंड समिति ने बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया. बर्ड फेस्टिवल का शुभारंभ उपजिलाधिकारी ने किया. वहीं बर्ड फेस्टिवल में कई विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने भाग लिया.

जिले में मनाया गया बर्ड फेस्टिवल.


वर्ल्ड वेटलैंड डे पर जिला वेटलैंड समिति ने जिले की दरियागंज स्थित 101 हेक्टेयर में फैली अर्ध चन्द्राकार विशाल गोखुर आर्द्रभूमि पर बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया गया. बर्ड फेस्टिवल का शुभारंभ उपजिलाधिकारी पटियाली शिव कुमार ने किया. वहीं मुख्य अतिथि तहसीलदार तिमिराज सिंह रहे. वहीं इस अवसर पर कई विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. उसके बाद समस्त प्रतिभागी बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया.

पढ़ें: जनपद के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया गया स्वास्थ्य मेले का आयोजन

क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि दरियागंज झील जनपद की सबसे बड़ी झील है. यह झील 2 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आती है. वहीं यह बूढ़ी गंगा से भी जुड़ी हुई पुरानी झील है, जिससे यहां 12 महीने झील में पानी रहता है. साथ ही कहा कि पक्षियों के लिए अनुकूल स्थान होने के कारण यहां पर काफी मात्रा में देशी और विदेशी पक्षी आते हैं. अभी नई गणना के अनुसार लगभग साढ़े तीन हजार पक्षी यहां पर पाए गए हैं. इन को विकसित करने के लिए यहां पर 4400 पौधों का रोपण किया गया है और 11 हजार पौधे अभी और रोपित किए जाएंगे.

कासगंज: वर्ल्ड वेटलैंड डे पर जनपद के दरियागंज स्थित 101 हेक्टेयर में फैली गोखुर आर्द्रभूमि पर जिला वेटलैंड समिति ने बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया. बर्ड फेस्टिवल का शुभारंभ उपजिलाधिकारी ने किया. वहीं बर्ड फेस्टिवल में कई विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने भाग लिया.

जिले में मनाया गया बर्ड फेस्टिवल.


वर्ल्ड वेटलैंड डे पर जिला वेटलैंड समिति ने जिले की दरियागंज स्थित 101 हेक्टेयर में फैली अर्ध चन्द्राकार विशाल गोखुर आर्द्रभूमि पर बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया गया. बर्ड फेस्टिवल का शुभारंभ उपजिलाधिकारी पटियाली शिव कुमार ने किया. वहीं मुख्य अतिथि तहसीलदार तिमिराज सिंह रहे. वहीं इस अवसर पर कई विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. उसके बाद समस्त प्रतिभागी बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया.

पढ़ें: जनपद के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया गया स्वास्थ्य मेले का आयोजन

क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि दरियागंज झील जनपद की सबसे बड़ी झील है. यह झील 2 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आती है. वहीं यह बूढ़ी गंगा से भी जुड़ी हुई पुरानी झील है, जिससे यहां 12 महीने झील में पानी रहता है. साथ ही कहा कि पक्षियों के लिए अनुकूल स्थान होने के कारण यहां पर काफी मात्रा में देशी और विदेशी पक्षी आते हैं. अभी नई गणना के अनुसार लगभग साढ़े तीन हजार पक्षी यहां पर पाए गए हैं. इन को विकसित करने के लिए यहां पर 4400 पौधों का रोपण किया गया है और 11 हजार पौधे अभी और रोपित किए जाएंगे.

Intro:वर्ल्ड वेटलैंड डे पर आज कासगंज जनपद के दरियावगंज स्थित 101 हेक्टेयर में फैली जनपद की सबसे बड़ी गोखुर आर्द्रभूमि पर ज़िला वेटलैंड समिति के द्वारा बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया गया। बर्ड फेस्टिवल का शुभारंभ उपजिलाधिकारी ने किया वहीं बर्ड फेस्टिवल में कई विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने भाग लिया।


Body:वीओ-1- वर्ल्ड वेटलैंड डे पर आज जिला वेटलैंड समिति के द्वारा कासगंज की दरियावगंज स्थित 101 हेक्टेयर में फैली अर्ध चन्द्राकार विशाल गोखुर आर्द्रभूमि पर बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया गया। बर्ड फेस्टिवल का शुभारंभ उपजिलाधिकारी पटियाली शिव कुमार ने किया। वही मुख्य अतिथि तहसीलदार तिमिराज सिंह रहे। इस अवसर पर कई विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। तदोपरांत समस्त प्रतिभागी बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया।

वीओ-2- क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक कुमार ने बताया किया झील जनपद की सबसे बड़ी झील है। यह झील 2 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आती है। यह बूढ़ी गंगा से जुड़ी हुई पुरानी झील है जिससे यहां 12 महीने झील में पानी रहता है। साथी पक्षियों के लिए अनुकूल स्थान होने के कारण यहां पर काफी मात्रा में देशी और विदेशी पक्षी आते हैं। अभी नई गणना के अनुसार लगभग साढे तीन हजार पक्षी यहां पर पाए गए हैं। इन को विकसित करने के लिए यहां पर 4400 पौधों का रोपण किया गया है और 11000 पौधों का और रोपण किया जाना है। जिससे झील की सुंदरता बढ़ सके और जैव विविधता संपन्न हो सके।
आज कार्यक्रम में 2 विद्यालयों के लगभग डेढ़ सौ बच्चों ने हिस्सा लिया है। छात्र-छात्राओं को झील पर घुमाया गया है। उनको जानकारी दी गई है झील के बारे में पक्षियों के बारे में व यहां मौजूद वनस्पतियों के बारे में।


बाईट-अशोक कुमार -क्षेत्रीय वन अधिकारी


Conclusion:
Last Updated : Feb 2, 2020, 11:10 PM IST
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