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कासगंज में बिकरू कांड पार्ट-2

कासगंज में सिपाही और हत्या और दारोगा पर जानलेवा हमले ने बिकरू कांड की याद को ताजा कर दिया. शराब माफिया के घर नोटिस चस्पा करने जा रहे पुलिस कर्मियों पर आरोपियों ने जानलेवा हमला बोल दिया था.

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प्रशांत कुमार (एडीजी)
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Published : Feb 11, 2021, 8:50 PM IST

लखनऊः कासगंज के नगला धीमर गांव में शराब माफिया के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा करने जा रहे सिपाही की हत्या और जानलेवा हमले में दारोगा गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसे एम्स में भर्ती कराया गया है. वहीं ये घटना ने कानपुर के बिकरू कांड के पार्ट 2 यादें ताजा करा दी हैं. दो जुलाई साल 2020 में सीओ अपनी टीम को लेकर विकास दुबे के घर पर दबिश देने गए थे. जहां पर पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ गोली बरसा कर 8 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था. वहीं कासगंज के सिढपुरा थाने के दारोगा अशोक पाल, सिपाही देवेंद्र सिंह शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गए थे. जहां शराब माफिया ने पुलिस पर जानलेवा हमला किया. पुलिस की टीम पर जानलेवा हमला कर वर्दी फाड़ दी थी. हालांकि इस घटना में आरोपी मोती सिंह के भाई एलकार को पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही एनकाउंटर कर मार गिराया.

कासगंज की घटना बिकरू कांड पार्ट-2
कासगंज में मंगलवार को शराब माफिया मोती सिंह के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा करने जा रहे सिढपुरा थाने के दारोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र सिंह पर नगला धीमर गांव पहुंचते ही हमला हो गया था. शराब माफिया एलकार ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों को बंधक बना लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा. दारोगा को अपराधियों ने रास्ते में फेंक दिया, तो सिपाही को अपने साथ लेकर चले गए. दारोगा और सिपाही के गायब होने की सूचना पर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी. वहीं सिपाही देवेंद्र का शव जंगल में मिला. इस घटना ने कानपुर के बिकरू कांड की यादों को ताजा कर दिया. बिकरु कांड में भी सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी अपराधियों के हाथ मारे गये थे.

सीएम ने अपराधियों पर सख्ती के दिये थे निर्देश
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था. गुनाहगारों पर रासुका लगाने के भी निर्देश भी दिए गए थे. इसके बाद पुलिस के सभी बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और अपराधियों की धरपकड़ के प्रयास तेज हो गए. सुबह होते-होते शराब माफिया मोती के भाई एलकार को एनकाउंटर में मार गिराया गया. शराब माफिया मोती सिंह फरार बताया जा रहा है. शराब माफिया मोती सिंह के खिलाफ कुल 11 केस दर्ज हैं. वहीं मुख्यमंत्री ने सिपाही देवेंद्र के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता और नौकरी देने की घोषणा की है.

लखनऊः कासगंज के नगला धीमर गांव में शराब माफिया के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा करने जा रहे सिपाही की हत्या और जानलेवा हमले में दारोगा गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसे एम्स में भर्ती कराया गया है. वहीं ये घटना ने कानपुर के बिकरू कांड के पार्ट 2 यादें ताजा करा दी हैं. दो जुलाई साल 2020 में सीओ अपनी टीम को लेकर विकास दुबे के घर पर दबिश देने गए थे. जहां पर पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ गोली बरसा कर 8 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था. वहीं कासगंज के सिढपुरा थाने के दारोगा अशोक पाल, सिपाही देवेंद्र सिंह शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गए थे. जहां शराब माफिया ने पुलिस पर जानलेवा हमला किया. पुलिस की टीम पर जानलेवा हमला कर वर्दी फाड़ दी थी. हालांकि इस घटना में आरोपी मोती सिंह के भाई एलकार को पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही एनकाउंटर कर मार गिराया.

कासगंज की घटना बिकरू कांड पार्ट-2
कासगंज में मंगलवार को शराब माफिया मोती सिंह के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा करने जा रहे सिढपुरा थाने के दारोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र सिंह पर नगला धीमर गांव पहुंचते ही हमला हो गया था. शराब माफिया एलकार ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों को बंधक बना लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा. दारोगा को अपराधियों ने रास्ते में फेंक दिया, तो सिपाही को अपने साथ लेकर चले गए. दारोगा और सिपाही के गायब होने की सूचना पर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी. वहीं सिपाही देवेंद्र का शव जंगल में मिला. इस घटना ने कानपुर के बिकरू कांड की यादों को ताजा कर दिया. बिकरु कांड में भी सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी अपराधियों के हाथ मारे गये थे.

सीएम ने अपराधियों पर सख्ती के दिये थे निर्देश
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था. गुनाहगारों पर रासुका लगाने के भी निर्देश भी दिए गए थे. इसके बाद पुलिस के सभी बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और अपराधियों की धरपकड़ के प्रयास तेज हो गए. सुबह होते-होते शराब माफिया मोती के भाई एलकार को एनकाउंटर में मार गिराया गया. शराब माफिया मोती सिंह फरार बताया जा रहा है. शराब माफिया मोती सिंह के खिलाफ कुल 11 केस दर्ज हैं. वहीं मुख्यमंत्री ने सिपाही देवेंद्र के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता और नौकरी देने की घोषणा की है.

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