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सेना के जवान ने पुलिस के अभद्र व्यवहार की सीएम योगी से की शिकायत, सीओ को सौंपी जांच - कासगंज पुलिस अभद्र व्यवहार की शिकायत

कासगंज में एक सेना के जवान ने पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाया है. जवान ने इस मामले में सीएम योगी से शिकायत की है. एसपी ने मामले की जांच सीओ सदर को दी है.

कासगंज
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Published : Jul 31, 2023, 12:00 PM IST

कासगंज: सेना के एक जवान ने पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है. शिकायत का संज्ञान लेते हुए एसपी ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी सदर को सौंप दी है. मामला सोरों कोतवाली का है. रविवार रात सेना के एक जवान हरप्रीत गिल ने सोरों कोतवाली पुलिस और प्रभारी निरीक्षक डीके त्यागी पर उनके साथ अभद्रता करने का आरोप लगाया है.

हरप्रीत गिल का कहना है तो वह भारतीय सेना का जवान है. वह किसी मामले को लेकर पूछताछ करने सोरों कोतवाली गया था. लेकिन, वहां पर थाना प्रभारी मौजूद नहीं थे. इसके चलते वह उनका इंतजार करने लगा. थोड़ी देर इंतजार करने के बाद वह ऑफिस में अंदर गया तो वहां पर मौजूद एक दारोगा से उन्होंने कुछ जानकारी चाही तो उसने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए तत्काल ऑफिस से बाहर निकल जाने को कहा. इस पर अपना पहचान पत्र दिखाया और ठीक से बात करने को कहा तो एक हवलदार ने धक्का देते हुए ऑफिस से बाहर निकाल दिया. थोड़ी देर बाद थाना प्रभारी डीके त्यागी आए तो उनसे शिकायत की. लेकिन, उन्होंने एक नहीं सुनी और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी.

सेना के जवान हरप्रीत गिल ने शिकायती पत्र के लिखा है कि उत्तर प्रदेश में क्या सेना के जवान की यही इज्जत है. जब सेना के जवान के साथ यह व्यवहार है तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा. सेना के जवान ने थाना प्रभारी और दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई है. वहीं, इस मामले में सोरों थाना प्रभारी डीके त्यागी का कहना है कि पुलिस ने जवान के साथ कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया. सेना के जवान द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. इसके उलट सेना के जवान ने ही पुलिस के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया. उनको समझाने का काफी प्रयास किया गया.

इस पूरे मामले में एएसपी जितेंद्र दुबे का कहना है कि सेना के जवान के एक परिजन पर एनडीपीएस के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. साथ ही इनके परिजन को एनबीडब्ल्यू के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है. इसी के चलते पुलिस पर दबाव बनाने के लिए यह मामला प्रथम दृष्टया पेसबंदी का लग रहा है. फिर भी मामले की जांच क्षेत्राधिकारी कासगंज सदर अजीत चौहान को सौंपी हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें: AIMIM से चुनाव लड़ चुकी सैय्यद उजमा परवीन ने सीएम योगी को कहा माफिया, मुकदमा दर्ज

कासगंज: सेना के एक जवान ने पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है. शिकायत का संज्ञान लेते हुए एसपी ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी सदर को सौंप दी है. मामला सोरों कोतवाली का है. रविवार रात सेना के एक जवान हरप्रीत गिल ने सोरों कोतवाली पुलिस और प्रभारी निरीक्षक डीके त्यागी पर उनके साथ अभद्रता करने का आरोप लगाया है.

हरप्रीत गिल का कहना है तो वह भारतीय सेना का जवान है. वह किसी मामले को लेकर पूछताछ करने सोरों कोतवाली गया था. लेकिन, वहां पर थाना प्रभारी मौजूद नहीं थे. इसके चलते वह उनका इंतजार करने लगा. थोड़ी देर इंतजार करने के बाद वह ऑफिस में अंदर गया तो वहां पर मौजूद एक दारोगा से उन्होंने कुछ जानकारी चाही तो उसने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए तत्काल ऑफिस से बाहर निकल जाने को कहा. इस पर अपना पहचान पत्र दिखाया और ठीक से बात करने को कहा तो एक हवलदार ने धक्का देते हुए ऑफिस से बाहर निकाल दिया. थोड़ी देर बाद थाना प्रभारी डीके त्यागी आए तो उनसे शिकायत की. लेकिन, उन्होंने एक नहीं सुनी और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी.

सेना के जवान हरप्रीत गिल ने शिकायती पत्र के लिखा है कि उत्तर प्रदेश में क्या सेना के जवान की यही इज्जत है. जब सेना के जवान के साथ यह व्यवहार है तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा. सेना के जवान ने थाना प्रभारी और दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई है. वहीं, इस मामले में सोरों थाना प्रभारी डीके त्यागी का कहना है कि पुलिस ने जवान के साथ कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया. सेना के जवान द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. इसके उलट सेना के जवान ने ही पुलिस के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया. उनको समझाने का काफी प्रयास किया गया.

इस पूरे मामले में एएसपी जितेंद्र दुबे का कहना है कि सेना के जवान के एक परिजन पर एनडीपीएस के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. साथ ही इनके परिजन को एनबीडब्ल्यू के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है. इसी के चलते पुलिस पर दबाव बनाने के लिए यह मामला प्रथम दृष्टया पेसबंदी का लग रहा है. फिर भी मामले की जांच क्षेत्राधिकारी कासगंज सदर अजीत चौहान को सौंपी हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

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