कासगंज: जिले में किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. प्रशासन के द्वारा किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की सही तरीके से जांच न होने के कारण जिले में 800 लाभार्थी अपात्र पाए गए. 800 अपात्र लाभार्थियों के खातों में योजना की राशि भी पहुंच चुकी है. अब उन अपात्र लाभार्थियों से रिकवरी की तैयारी है.
सरकार की महत्वाकांक्षी किसान सम्मान निधि योजना में कासगंज जिले में कृषि विभाग के ढुलमुल रवैये से योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. दरअसल किसान सम्मान निधि योजना में 800 ऐसे लाभार्थियों का चयन कर लिया गया जो अपात्र हैं. इतना ही नहीं उन लाभार्थियों के खाते में धनराशि भी डाल दी गई.
आपको बता दें कि इस योजना के तहत जिले में आठवीं किस्त 2 लाख 9 हजार 88 लोगों की आई थी, जिसके बाद कृषि विभाग द्वारा किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की जांच की गई तो 804 लाभार्थी अपात्र पाए गए. इन अपात्र लाभार्थियों में कुछ ऐसे थे, जिनकी पति और पत्नी दोनों के खातों में योजना की धनराशि पहुंच गई और जांच में कुछ ऐसे भी लाभार्थी पाए गए जो भूमिहीन निकले.
अब सवाल यह है कि विभाग द्वारा किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए किसानों द्वारा किए गए आवेदनों की आखिर किस प्रकार की जांच की गई. अपात्र लाभार्थियों का आखिर चयन कैसे कर लिया गया लापरवाही तो तब और बढ़ गई जब उनके खाते में योजना की राशि भी डाल दी गई. जब शंका हुई तो सत्यापन कराया गया और मामला खुला तो अब रिकवरी की जाएगी. सवाल यह कि आखिर रिकवरी की नौबत ही क्यों आई. शुरुआती जांच क्यों नहीं ठीक से गई.
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अगर सही तरीके से जांच की जाय तो निश्चित तौर पर विभागीय और अन्य विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ सकती है. हालांकि जब इस विषय मे जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना में जो भी 800 लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं, उनको नोटिस जारी किए जा रहे हैं और उनसे रिकवरी की जाएगी. किसान अपने खातों में पहुंचीं रकम को हमारे विभागीय खाते मे जमा करा दें. अगर किसान धनराशि खाते में जमा नहीं करते है तो राजस्व विभाग के माध्यम से उनसे वसूली की जाएगी.