कानपुर: एक तरफ पूरे देश में निजीकरण को बढ़ावा देने की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर मजदूर आएदिन निजीकरण की वजह से बदहाल हो रहे हैं. ऐसी ही एक घटना जनपद के थाना फजलगंज के अंतर्गत सिख यार्ड की सामने आई है. मजदूरों का आरोप है कि इलीट कंपनी का ठेकेदार मजदूरों को सैलरी के नाम पर 6 हजार रुपये दे रहा हैं. वहीं रेलवे द्वारा उनके एकाउंट में 16 हजार की रकम भेजी जा रही है, लेकिन ठेकेदार ने सभी मजदूरों की पासबुक और एटीएम अपने पास जमा करवा लिए हैं. इस वजह से मजदूर उतनी ही रकम में काम करने को मजबूर हैं.
एक दिन छुट्टी करने पर काट लेता है एक हजार रुपये
यार्ड में कार्यरत मजदूर अर्जुन ने बताया कि 26 मजदूर पिछले तीन साल से यहां काम कर रहे हैं. तब से ठेकेदार हमें सिर्फ 6 हजार रुपये दे रहा है. वहीं अगर किसी वजह से एक दिन भी छुट्टी कर लेते हैं तो पैसे काट लेता है.
कोई भी सुरक्षा उपकरण न होने की वजह से होती रहती हैं घटनाएं
मजदूरों ने बताया कि लगातार ही यार्ड में मजदूरों के साथ छोटी-बड़ी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन कंपनी की तरफ से न कोई बीमा कराया गया है और न ही कोई सुरक्षा उपकरण मुहैया कराया जाता है. वहीं कुछ दिन पहले एक मजदूर बुरी तरह काम के दौरान घायल हो गया था, जिसकी कुछ दिन बाद मौत हो गई.
रेलवे प्रशासन से कर चुके हैं कई बार शिकायत
मजदूरों ने बताया कि इस मामले को लेकर रेलवे प्रशासन द्वारा कई बार शिकायत की गई, लेकिन वह हमेशा प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी बताकर बात नहीं सुनते हैं और ठेकेदार से अपनी शिकायत कहने की बात करते हैं.