कानपुर: भले ही इस दौर में आधुनिक तकनीकों वाले खिलौने बच्चों की पहली पसंद बन चुके हों, लेकिन सालों पहले जिस तरह से लकड़ी के खिलौने सभी का ध्यान आकर्षित कर लेते थे. उस तरह से लकड़ी के खिलौनों का क्रेज कभी कम नहीं हो सकता. देश की मोदी सरकार ने देश में खिलौनों के निर्माण को ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ का आह्वान किया था. उसमें खिलौनों के चलन को बढ़ावा देने के लिए भी युद्धस्तर पर कवायद जारी है. वहीं, कानपुर के एक आर्टिस्ट के लकड़ी के खिलौनों को पूरे विश्व में सराहा जा रहा है.
नेशनल टॉय फेयर में पीएम ने की प्रशंसाः पूरी मेहनत, लगन और शिद्दत से लकड़ी के खिलौनों को तैयार करने वाले कानपुर के नवाबगंज निवासी गोपाल खन्ना का यह शौक अनूठा है. उन्होंने लकड़ी के इतने खिलौने तैयार कर रखे हैं कि उनका घर भर चुका है. सरकार ने वर्चुअल इंडिया टॉय फेयर-2021 पहली बार गोवा में कराया था. इस कार्यक्रम में आर्टिस्ट गोपाल खन्ना के इस शौक को पीएम मोदी ने भी जमकर सराहा और उन्हें देश-विदेशों तक ख्याति मिली. गोपाल ने पूरे जोश और दंभ के साथ बताया कि बैंक की नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद उनका अधिकतर समय इन खिलौनों को तैयार करने में ही बीत जाता है.
केवट द्वारा भगवान राम को ले जाने वाला खिलौना: नवाबगंज निवासी आर्टिस्ट गोपाल खन्ना से जब ईटीवी भारत के सवांददाता ने पूछा कि उन्होंने जो लकड़ी के खास खिलौने बनाए हैं, उनमें कौन-कौन से हैं? इस सवाल के जवाब में गोपाल खन्ना ने बताया कि खिलौनों में ब्रह्मा, विष्णु महेश की आकृति, केवट द्वारा भगवान राम को नौका से ले जाने वाला खिलौना, अश्वमेघ यज्ञ में लवकुश द्वारा घोड़े को पकड़ने वाला खिलौना, केदारनाथ मंदिर, स्वर्ण मंदिर को लकड़ी की मदद से तैयार किया है.साथ ही ट्रेन का एक ऐसा सुंदर मॉडल बनाया है. जिसे देखकर आने वाले सभी लोग आकर्षित हो जाते हैं.
पाकिस्तान में कलाकृति मिली प्रशंसा: आर्टिस्ट गोपाल खन्ना ने बताया कि लकड़ी के खिलौने बनाने के साथ ही वह कलाकृतियां भी तैयार करते हैं. इन कलाकृतियों की विदेशों में भी खूब प्रंशसा मिली है. खासतौर से पाकिस्तान में उनकी कलाकृति पहुंच तो कई दिनों तक वहां के लोगों ने उसकी सराहना की थी.
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