कानपुर : लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे सभी राजनीतिक दलों में सबसे अधिक मंथन इसी बात पर है कि जिताऊ कैंडिडेट को ही टिकट दिया जाए. दूसरी तरफ दावेदारों ने भी अपना पूरा जोर लगा दिया है. टिकट के लिए संभावित चेहरे पार्टी के दिग्गजों से करीबी जताने में लगे हैं. कानपुर में भी चुनाव की सरगर्मी नजर आने लगी है. इसी के साथ सभी दलों की सक्रियता भी बढ़ गई है. ऐसे में उम्मीदवारों को लेकर चर्चा अभी से शुरू है. इसी क्रम में जब दो दिनों पहले पूर्व सीएम अखिलेश यादव कानपुर देहात में एक रैली में शामिल होने आए तो कई कयासों को पीछे छोड़ गए.
दो कद्दावर नेताओं को सपा मुखिया की तवज्जो से लग रहे कयास
कानपुर देहात में आयोजित रैली में शहर की आर्यनगर सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और पूर्व विधायक सतीश निगम भी शामिल हुए थे. जैसे ही कार्यक्रम खत्म हुआ सपा मुखिया अखिलेश यादव वहां से चेन्नई रवाना होने निकले. अचानक उन्होंने अमिताभ बाजपेई और सतीश निगम से साथ चलने के लिए कह दिया. अब पूर्व सीएम के साथ जब विधायक और पूर्व विधायक ने हवा में जो भी बातें की हों, पार्टी में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हीं नेताओं में किसी एक को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया जा सकता है.
अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में सपा का सशक्त चेहरा हैं दोनों
एक ओर शहर की आर्यनगर सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को जहां पूर्व सीएम अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता है तो वहीं पार्टी के अधिकतर कार्यक्रमों में शहर से विधायक अमिताभ बहुत अधिक सक्रिय रहते हैं. सतीश निगम शहर की कल्याणपुर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. हालांकि उन्हें 2017 और 2022 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. मगर सपा के लिए उक्त सीट पर वह एक मजबूत दावेदार हमेशा से रहे हैं. अमिताभ की पत्नी वंदना बाजपेई को तो पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने महापौर का टिकट दिया था, लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.