कानपुर : कुछ दिनों पहले जब केंद्र सरकार का बजट जारी हुआ तो उसमें सैकड़ों की संख्या में वंदे भारत ट्रेन को चलाने का फैसला किया गया. ट्रेन चलाने के लिए सबसे पहले जरूरी है, उसका निर्माण. ऐसे में कानपुर के लिए वंदे भारत ट्रेन से जुड़ी एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई. किसी मल्टीनेशनल कंपनी को वंदे भारत ट्रेन के असेम्बेल्ड बोगी फ्रेम तैयार करने का आर्डर न देते हुए सरकार की ओर से पनकी स्थित औद्योगिक इकाई- वेद सैसोमैकेनिका को चुना गया है. इस कंपनी को छह असेम्बेल्ड बोगीफ्रेम तैयार करने होंगे, जिसके लिए लागत के तौर पर कुल 66 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
पहली वंदे भारत के भी यहीं बने थे बोगीफ्रेम: ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान वेद सैसोमैकेनिका कंपनी के एमडी आरएन त्रिपाठी ने बताया कि साल 2018 में जब पहली बार वंदे भारत का संचालन शुरू हुआ था. तब वेद सैसोमैकेनिका द्वारा ही ट्रेन के बोगी फ्रेम बनाए गए थे. उन्होंने बताया कि असेम्बेल्ड बोगी फ्रेम तैयार करने में एक्सेल, व्हील, ब्रेक सिस्टम, रबर कंपोनेंट समेत अन्य उत्पादों के लिए यूरोप व जर्मनी से संपर्क करना होता है. वहां से इन उत्पादों का एक्सपोर्ट होता है.
66 करोड़ रुपये आएगी लागत: एमडी आरएन त्रिपाठी ने बताया कि छह असेम्बेल्ड बोगी फ्रेम के लिए छह ट्रेलसेट तैयार करने होंगे. एक ट्रेलसेट में 32 बोगी बनेंगी, ऐसे में कुल 192 बोगी हमें बनानी हैं. अप्रैल से इन्हें डिलीवर करने का काम शुरू हो जाएगा और हर माह एक ट्रेलसेट बनाकर हम रेलवे कोच फैक्ट्री को भेजेंगे. इसमें कुल 66 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
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