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भाजपा ने 2017 के निकाय चुनाव में 1.05 लाख वोटों से जीती थी मेयर सीट, 2023 में भी आगे

वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में 1.05 लाख वोटों से भाजपा ने मेयर सीट जीती थी. 2023 के चुनाव में भी भाजपा आगे फिलहाल आगे है. शुरुआती रुझानों में कमल खिलता दिख रहा है. हालांकि किसी को दल को मुकाबले से बाहर नहीं कहा सकता है.

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Published : May 13, 2023, 10:30 AM IST

Updated : May 13, 2023, 10:56 AM IST

कानपुर : जिस तरह ठीक छह साल पहले नगर निकाय के चुनाव में कमल खिला था. ठीक उसी तर्ज पर शनिवार को नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण की मतगणना के शुरुआती रुझानों में कमल एक बार फिर खिलते दिख रहा है. हालांकि अभी मतगणना शुरू हुए कुछ ही देर हुई मगर भाजपा प्रत्याशी बढ़त की ओर हैं.

भजपा ने 2017 के निकाय चुनाव में जीती थी मेयर सीट.
भजपा ने 2017 के निकाय चुनाव में जीती थी मेयर सीट.

दरअसल वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने मेयर प्रत्याशी के लिए प्रमिला पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा था. तब भाजपा प्रत्याशी की सीधी टक्कर कांग्रेस से प्रत्याशी वंदना मिश्रा से दिखी थी. इतना ही नहीं जब परिणाम सामने आए तो प्रमिला के बाद दूसरे नंबर पर वंदना मिश्रा थीं. उस चुनाव में भी शहर के अंदर ब्राह्मण कार्ड को लेकर जबरदस्त चर्चा थी. वहीं, वर्ष 2023 में भी भाजपा ने मेयर पद के लिए प्रमिला पांडेय को चुना और इस बार कांग्रेस से आशनी अवस्थी चुनाव मैदान में हैं. आशनी के साथ ही सपा से वंदना बाजपेई, जो कानपुर की आर्यनगर सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी हैं वह भी डटकर मुकाबला कर रही हैं.

वैसे तो वोटिंग वाले दिन भाजपा और सपा में सीधी टक्कर देखने को मिली थी, लेकिन मतगणना के शुरुआती रुझानों में भाजपा के बाद कांग्रेस मुकाबला कर रही है. कानपुर के साल 2017 और 2023 के चुनाव में एक सबसे रोचक बात यह भी है कि साल 2017 में बसपा ने अर्चना निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया था और उन्हें प्रमुख राजनीतिक दलों की लड़ाई में चौथा स्थान मिला था. वहीं, अभी तक जो शुरुआती रुझान सामने आए हैं, उसमें भी बसपा को सबसे कम वोट मिले हैं.

यह भी पढ़ें : शहरी चुनाव में क्या पिछली बार का करिश्मा दोहरा पाएगी भारतीय जनता पार्टी?

कानपुर : जिस तरह ठीक छह साल पहले नगर निकाय के चुनाव में कमल खिला था. ठीक उसी तर्ज पर शनिवार को नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण की मतगणना के शुरुआती रुझानों में कमल एक बार फिर खिलते दिख रहा है. हालांकि अभी मतगणना शुरू हुए कुछ ही देर हुई मगर भाजपा प्रत्याशी बढ़त की ओर हैं.

भजपा ने 2017 के निकाय चुनाव में जीती थी मेयर सीट.
भजपा ने 2017 के निकाय चुनाव में जीती थी मेयर सीट.

दरअसल वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने मेयर प्रत्याशी के लिए प्रमिला पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा था. तब भाजपा प्रत्याशी की सीधी टक्कर कांग्रेस से प्रत्याशी वंदना मिश्रा से दिखी थी. इतना ही नहीं जब परिणाम सामने आए तो प्रमिला के बाद दूसरे नंबर पर वंदना मिश्रा थीं. उस चुनाव में भी शहर के अंदर ब्राह्मण कार्ड को लेकर जबरदस्त चर्चा थी. वहीं, वर्ष 2023 में भी भाजपा ने मेयर पद के लिए प्रमिला पांडेय को चुना और इस बार कांग्रेस से आशनी अवस्थी चुनाव मैदान में हैं. आशनी के साथ ही सपा से वंदना बाजपेई, जो कानपुर की आर्यनगर सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी हैं वह भी डटकर मुकाबला कर रही हैं.

वैसे तो वोटिंग वाले दिन भाजपा और सपा में सीधी टक्कर देखने को मिली थी, लेकिन मतगणना के शुरुआती रुझानों में भाजपा के बाद कांग्रेस मुकाबला कर रही है. कानपुर के साल 2017 और 2023 के चुनाव में एक सबसे रोचक बात यह भी है कि साल 2017 में बसपा ने अर्चना निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया था और उन्हें प्रमुख राजनीतिक दलों की लड़ाई में चौथा स्थान मिला था. वहीं, अभी तक जो शुरुआती रुझान सामने आए हैं, उसमें भी बसपा को सबसे कम वोट मिले हैं.

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Last Updated : May 13, 2023, 10:56 AM IST
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