कानपुर: महज नौ लाख की आबादी वाले दक्षिणी अमेरिका के देश-गुयाना में हार्टीकल्चर को लेकर अन्य देशों की तुलना में बहुत अधिक काम होता है. वहीं, इस देश का कुल क्षेत्रफल भी अन्य देशों की अपेक्षा बेहद कम और केवल 214.970 वर्गकिलोमीटर है. हालांकि वहां के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने अब गुयाना में यूपी की फल और सब्जियों को तैयार कराने का फैसला किया है. सूबे और गुयाना के आर्थिक विकास के नजरिए से यह एक ठोस और मजबूत कदम होगा. इसके लिए जहां सरकार ने अपने स्तर से प्रयास शुरू कर दिए हैं. वहीं, गुयाना में सरकार के जिम्मेदार यूपी से भेजे जाने वाले फलों और सब्जियों के बीजों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने इस मामले की जानकारी सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को दी है. आने वाले दिनों में सूबे के चार कृषि विवि और अन्य स्रोतों से फलों और सब्जियों के बेहतर उत्पादन वाले बीजों को अब गुयाना भेजा जाएगा.
13 जनवरी को शहर आए थे राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली: करीब 23 दिनों पहले 13 जनवरी को गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली कानपुर आए थे. उन्होंने यहां हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया था. अपने संबोधन के दौरान जब उन्होंने बताया, कि गुयाना में हार्टीकल्चर (बागवानी) को लेकर बहुत अधिक काम होता है. फिर यह कहते हुए उन्होंने यूपी के साथ काम करने की इच्छा को भी व्यक्त किया तो मौके पर मौजूद यूपी सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने फौरन ही उनसे कह दिया था कि सरकार उनकी मदद करने और साथ काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. यूपी की फल और सब्जियों के अलावा गुयाना के राष्ट्रपति ने एचएएल में तैयार होने वाले विमानों की कोटेशन भी एचएएल अफसरों से मांगी थी. उन्हें एचएएल में बना 18 सीटर विमान बेहद पसंद आया था.
इन संस्थानों से लिए जा सकते हैं बीज
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि: यहां दलहन, तिलहन और अनाज की 300 से अधिक फसलें तैयार की जाती हैं.
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विवि अयोध्या: इस विवि में आंवला की विशेष प्रकार की प्रजातियां तैयार की गई हैं.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि मेरठ: यहां मुख्य रूप से धान और गेहूं की फसलों को तैयार किया जाता है.
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी: सब्जियों की सभी प्रकार की प्रजातियों को यहां विकसित किया जाता है.
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ: इस संस्थान में फलों की कई प्रकार की प्रजातियों को तैयार करने की दिशा में काम होता है.
वहीं, कुछ दिनों पहले एचएएल के कार्यक्रम में गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली का स्वागत हमने किया था. उसी समय उन्होंने अपने संबोधन में बताया था, कि गुयाना में बागवानी को लेकर बहुत ज्यादा काम होता है. राष्ट्रपति जी ने कहा था, कि वह यूपी से फलों और सब्जियों के बीजों को चाहते हैं. इसके लिए हमने हामी भरी. साथ ही इस मामले की जानकारी भी कृषि मंत्री को दे दी है. जल्द ही यूपी से फलों और सब्जियों के बीज गुयाना भेजे जाएंगे.
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