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खेल निदेशक को चुनाव रद्द करने का कोई अधिकार नहीं: सचिव डॉ. देवेश दुबे

उप्र एथलेटिक्स एसोसिएशन के चुनाव को लेकर संगठन में हंगामा मच गया है. संगठन के मौजूदा पदाधिकारियों का कहना है कि खेल निदेशक को चुनाव रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है.

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उप्र एथलेटिक्स एसोसिएशन के चुनाव
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 9:09 PM IST

कानपुर: जिस तरह कुछ माह पहले उप्र क्रिकेट एसोसिएशन में दो गुटों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए थे. ठीक उसी तर्ज पर अब उप्र एथलेटिक्स एसोसिएशन के चुनाव को लेकर खेल निदेशक ने पत्र जारी कर दिया है और चुनाव को गलत बता दिया है. कहा जा रहा है कि खेल निदेशक के पास इसकी कुछ पदाधिकारियों ने शिकायत की थी, जिसके क्रम में खेल निदेशक ने अपना फैसला सुनाया.


संगठन की छवि को धूमिल करने की कोशिश : संगठन के मौजूदा पदाधिकारियों ने खेल निदेशक के इस कदम को लेकर बातचीत की और कहा कि खेल निदेशक को ही चुनाव रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है. इस पूरे मामले को लेकर यूपी एथलेटिक्स एसोसिशएन के सचिव डॉ.देवेश दुबे ने बताया कि 21 मई को शहर के द स्पोर्ट्स हब में जनरल काउंसिल की बैठक के दौरान चुनाव कराए गए थे. चुनाव एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और यूपीएए के नियमों के आधार पर किए गए थे. तत्कालीन अध्यक्ष से लिखित तौर पर इसकी सहमति ली गई थी और सभी को नोटिसें जारी कर सूचना दी गई थी. चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर के साथ एएफएआई के पर्यवेक्षक समेत अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में चुनावी प्रक्रिया को नियमानुसार संपन्न कराया गया था. इतना ही नहीं, पूरी गतिविधियां सीसीटीवी में रिकार्डेड हैं. पर, खेल निदेशक ने इन बातों को दरकिनार कर सीधे चुनाव रद्द करने का जो निर्णय कर दिया, संगठन के सभी पंजीकृत पदाधिकारी उसका विरोध करते हैं. यह हरकत केवल संगठन की छवि को धूमिल करने के मकसद से की गई है.

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एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के आयोजन की बना रहे थे योजना: सूबे के तमाम शहरों में एथलेटिक्स से जुड़े खेलों का समय से आयोजन हो सके, संगठन के पदाधिकारी इस संबंध में अपनी योजना बना रहे थे. लेकिन, अचानक ही खेल निदेशक के पत्र से सभी मायूस हो गए. अब, पदाधिकारियों ने इस मामले को लेकर खेल निदेशक से मुलाकात करने की योजना बनाई है.

यह भी पढ़े-उप्र क्रिकेट एसोसिएशन और BCCI को नोटिस कोर्ट का नोटिस, भारत सरकार सहित सभी विपक्षियों से जवाब-तलब

कानपुर: जिस तरह कुछ माह पहले उप्र क्रिकेट एसोसिएशन में दो गुटों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए थे. ठीक उसी तर्ज पर अब उप्र एथलेटिक्स एसोसिएशन के चुनाव को लेकर खेल निदेशक ने पत्र जारी कर दिया है और चुनाव को गलत बता दिया है. कहा जा रहा है कि खेल निदेशक के पास इसकी कुछ पदाधिकारियों ने शिकायत की थी, जिसके क्रम में खेल निदेशक ने अपना फैसला सुनाया.


संगठन की छवि को धूमिल करने की कोशिश : संगठन के मौजूदा पदाधिकारियों ने खेल निदेशक के इस कदम को लेकर बातचीत की और कहा कि खेल निदेशक को ही चुनाव रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है. इस पूरे मामले को लेकर यूपी एथलेटिक्स एसोसिशएन के सचिव डॉ.देवेश दुबे ने बताया कि 21 मई को शहर के द स्पोर्ट्स हब में जनरल काउंसिल की बैठक के दौरान चुनाव कराए गए थे. चुनाव एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और यूपीएए के नियमों के आधार पर किए गए थे. तत्कालीन अध्यक्ष से लिखित तौर पर इसकी सहमति ली गई थी और सभी को नोटिसें जारी कर सूचना दी गई थी. चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर के साथ एएफएआई के पर्यवेक्षक समेत अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में चुनावी प्रक्रिया को नियमानुसार संपन्न कराया गया था. इतना ही नहीं, पूरी गतिविधियां सीसीटीवी में रिकार्डेड हैं. पर, खेल निदेशक ने इन बातों को दरकिनार कर सीधे चुनाव रद्द करने का जो निर्णय कर दिया, संगठन के सभी पंजीकृत पदाधिकारी उसका विरोध करते हैं. यह हरकत केवल संगठन की छवि को धूमिल करने के मकसद से की गई है.

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एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के आयोजन की बना रहे थे योजना: सूबे के तमाम शहरों में एथलेटिक्स से जुड़े खेलों का समय से आयोजन हो सके, संगठन के पदाधिकारी इस संबंध में अपनी योजना बना रहे थे. लेकिन, अचानक ही खेल निदेशक के पत्र से सभी मायूस हो गए. अब, पदाधिकारियों ने इस मामले को लेकर खेल निदेशक से मुलाकात करने की योजना बनाई है.

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