कानपुर: बिल्हौर कस्बे में शुक्रवार को दो अलग-अलग स्थानों पर छात्राओं से छीटाकशी कर रहे 5 मनचलों को पुलिस ने पकड़ कर उनमें से चार को छोड़ दिया. जिले के अधिकारियों के निर्देश के बावजूद बिल्हौर में मनचलों और शोहदों पर लगाम नहीं लग पा रही है. लोगों की मानें तो कोतवाली में काफी अरसे से डटे कुछ नवयुवक आरक्षियों का कस्बे और आसपास क्षेत्र के शोहदों व मनचलों से याराना हो गया है. इसके चलते शोहदे व मनचले खुलेआम कोचिंग आने-जाने वाली छात्राओं और अन्य युवतियों से छींटाकशी करते रहते हैं.
एक ही मोहल्ले में दिन भर में दो वारदात
शुक्रवार सुबह कस्बे में एक मोहल्ले में कोचिंग जाते समय एक छात्रा से चार मनचलों ने रास्ता रोककर छींटाकशी की. इसकी सूचना बिल्हौर पुलिस को दी गई, लेकिन मनचलों ने उससे पहले ही अपने दोस्त पुलिस आरक्षी को फोन कर दिया. पुलिस उन चारों को कोतवाली उठा लाई. कुछ देर बाद मनचलों के दोस्त उन्हें छुड़ाने के लिए कोतवाली पहुंच गए. बाद में पुलिस ने एक-एक करके दोपहर तक चारों को छोड़ दिया. वहीं दोपहर बाद कोतवाली के सामने डाकखाने वाली गली में एक शोहदे ने मामूली बात पर दलित छात्रा व उसके भाई को बुरी तरह से पीट दिया. मारपीट के दौरान भगदड़ मच गई.
आरक्षियों को हटाए जाने की मांग
सूचना पर पहुंची पुलिस शोहदे को कोतवाली उठा लाई. कुछ देर बाद उस आरोपी को छुड़ाने कई लोग कोतवाली पहुंच गए. एक दिन में दो घटनाएं हो जाने के कारण बाद में पकड़े गए आरोपी को पुलिस ने देर शाम तक नहीं छोड़ा. वहीं कस्बे के लोगों ने हाथरस कांड का हवाला देते हुए ऐसे पुलिसकर्मियों और आरक्षियों को हटाए जाने की मांग की है. वहीं इस मामले में सीओ बिल्हौर राजेश कुमार का कहना है कि पकड़े गए आरोपी नाबालिग थे. इसलिए उनके परिजनों को कड़ी हिदायत देकर छोड़ दिया गया है.