कानपुर: देश भर में लोग गणेश उत्सव बड़े धूम-धाम से मना रहे हैं. हर भक्त बप्पा की उपासना करने में लीन नजर आ रहा है. देश में सभी मंदिरों में बप्पा का भव्य स्वागत किया जा रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े गणेश मंदिर में हजारों लोगों ने विशाल शोभा यात्रा निकाल गणेश महोत्सव की शुरुआत की है.
कानपुर के घंटाघर इलाके में यूपी का सबसे बड़ा गणेश मंदिर स्थित है. यूं तो हर जगह भक्त बप्पा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं, लेकिन कानपुर में गणेश महोत्सव में पहले दिन गणपति की सबसे बड़ी और भव्य यात्रा इस मंदिर से निकाली गई. इस मंदिर की खास बात यह है कि पूरे यूपी का यह इकलौता मंदिर है, जिसका स्वरूप तीन खंड के मकान जैसा है. इसके साथ ही यहां भगवान गणेश के 10 रूप एक साथ मौजूद हैं.
प्रदेश के इस सबसे बड़े घंटाघर वाले तीन खंड गणेश मंदिर में अलग ही उत्साह देखने को मिलता है. यहां गणेश महोत्सव के पहले दिन ही बप्पा के सभी भक्त भगवान गणेश की शोभा यात्रा निकालते हैं. हजारों की भीड़ में इकट्ठा हुए भक्तों ने शहर में कई तरह की सवारियां शहर की सड़कों पर निकाली. इसके बाद सामने पंडाल में विशाल गणेश प्रतिमा स्थापित करके गणेश महोत्सव का शुभारम्भ किया. वहीं भक्त यहां पूरे सात दिनों तक विभन्न प्रकार के कार्यक्रमों के साथ गणेश महोत्सव मनाएंगे.
शोभायात्रा समिती के सदस्यों ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना बाल गंगाधर तिलक ने की थी. उन्होंने ही शोभा यात्रा की भी शुरुआत की थी. इस मंदिर की स्थापना से एक कहानी भी जुड़ी है. इस मंदिर को और मंदिरों की तरह नहीं बनाया गया था. मंदिर को तीन मंजिला घर में स्थापित किया गया था.
कहानी के मुताबिक-
1921 में बाल गंगाधर तिलक ने इस जगह पर भूमी पूजन कर यहां पर गणेश मंदिर बनवाने का निर्णय लिया था. जब बात मूर्ति की स्थापना की हुई तो अंग्रेजों ने यहां मंदिर बनाने से मना कर दिया था. अंग्रेजों का कहना था कि इस जगह से करीब 50 मीटर की परिधि में एक मस्जिद मौजूद थी, जिस पर अंग्रेज अधिकारियों का तर्क था कि मस्जिद और मंदिर एक साथ नहीं बन सकते. ऐसे में यहां मंदिर बनवाने की बजाय तीन खंड का मकान बनवाकर भगवान गणेश को स्थापित किया गया.