कानपुर : संजीत अपहरण हत्याकांड मामले में गुरुवार को निलंबित सीओ मनोज गुप्ता और बर्रा इंस्पेक्टर हरमीत सिंह लखनऊ क्राइम एवं हेड क्वार्टर के ज्वाइंट कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी के सामने पेश हुए. यहां उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया. बताया जा रहा है कि अधिकारियों के सवालों का जवाब देते वक्त मनोज गुप्ता कई बार फंसे. चूरन वाले नोट बेचने वाले दुकानदार नीरज के भी बयान दर्ज किए गए. संजीत के पिता चमन लाल को भी लखनऊ बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंच सके.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि जिले के बर्रा थाना क्षेत्र निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का बीते साल 22 जून को अपहरण हो गया था. 26 जून को संजीत की हत्या कर दी गई और शव को पांडु नदी में फेंक दिया गया. हत्यारों ने संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपये की फिरौती भी ले ली थी. वहीं 23 जुलाई को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया था. संजीत हत्याकांड मामले में पुलिस अधिकारियों को जानकारी दिए बिना ही फिरौती की रकम देने और मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था.
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इनको किया गया था निलंबित
इस पूरे मामले में पूर्व एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, सीओ मनोज कुमार गुप्ता, बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय, दारोगा राजेश कुमार, दारोगा योगेंद्र प्रताप और तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया था.
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एसपी अपर्णा गुप्ता बहाल
इस पूरे मामले में एसपी अपर्णा गुप्ता को बहाल कर दिया गया और मुरादाबाद जीआरपी में तैनाती दे दी गई. जबकि सीओ मनोज कुमार गुप्ता के खिलाफ संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय लखनऊ के दफ्तर में जांच चल रही है. वहीं इंस्पेक्टर रंजीत राय, दारोगा व सिपाहियों की प्रारंभिक जांच कर रहे एसपी पूर्वी ने सभी को दोषी ठहराया है. इसके बाद ही डीआईजी ने सबको नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.