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सूफी इस्लामिक बोर्ड का दावाः अवैध धर्मांतरण में पाकिस्तान का हाथ, दान लेकर की जा रही थी फंडिंग

अवैध धर्मांतरण के मामले में सूफी इस्लामिक बोर्ड ने बड़ा खुलासा किया है. बोर्ड के सचिव का दावा है कि पाकिस्तान का दावते इस्लमामी और मदानी चैनल देश में धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने कहा कि दावते इस्लामी की तर्ज पर उमर गौतम देश में अवैध धर्मांतरण करा रहा था.

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Published : Jul 6, 2021, 8:52 PM IST

अवैध धर्मांतरण
अवैध धर्मांतरण

कानपुरः अवैध धर्मांतरण मामले में एटीएस के साथ सूफी इस्लामिक बोर्ड लगातार सरहद पार से हो रही साजिश को बेनकाब कर रहा है. इस मामले में सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी ने अब बड़ा खुलासा किया है. सूफी इस्लामिक बोर्ड ने कुछ ऐसे वीडियो मीडिया के सामने रखे हैं, जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि सरहद पार से न सिर्फ धर्मांतरण बल्कि मूक बधिर बच्चों को धर्मांतरण कराने का टारगेट फिक्स किया गया है. कौसर हसन मजीदी के अनुसार मजबूर और मूक बधिर लोग इनके बहुत अच्छे टारगेट होते हैं. मजीदी का दावा है कि उमर गौतम भी दावते इस्लामी की तर्ज पर देश में धर्मांतरण करा रहा था.

कौसर हसन मजीदी, प्रवक्ता- इस्लामिक बोर्ड.

सूफी इस्लामिक बोर्ड ने कानपुर में दावते इस्लामी को चंदा दिए जाने का दावा करने के बाद एक और प्रमाण सामने रखा है. सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी की मानें तो दावते इस्लामी और मदनी चैनल देश में धर्मांतरण का गंदा खेल खेल रहे हैं. कौसर हसन मजीदी के अनुसार मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मदनी चैनल के जरिए लोगों को गैर मुस्लिमों को इस्लाम की तरफ प्रेरित करके उनका धर्म परिवर्तन कराने के लिए उकसाया जा रहा है. इसके सबूत के रूप में कुछ वीडियो सूफी इस्लामिक बोर्ड ने मीडिया के सामने रखे हैं.

दावते इस्लामी और मदनी चैनल बनाते हैं मूक-बधिर बच्चों को निशाना
इससे पहले बोर्ड ने ये दावा किया था कि दावते इस्लामी पाकिस्तान की वह संस्था है, जिसका काम लोगों का धर्म परिवर्तन करा कर उन्हें मुस्लिम बनाना है. अब ये दावते इस्लामी और मदनी चैनल गरीब और मूक बधिर लोगों को निशाना बना रहे हैं. मदनी चैनल के जरिए लोगों को इस्लाम कुबूल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. कौसर हसन मजीदी ने कहा कि जांच में ये भी सामने आया है कि दावते इस्लामी की जड़े कानपुर में काफी गहरी हैं. धर्मांतरण में लगे लोगों की फंडिंग के लिए दान लिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि कानपुर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ऐसे लोग सक्रिय हैं.

दावते इस्लामी की तर्ज पर उमर गौतम करा रहा था धर्मांतरण
मजीदी ने कहा कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में दावते इस्लामी को चंदा देने के लिए ट्रांसपेरेन्ट बॉक्स भी लगाए गए हैं. शहर का मूक बधिर छात्र आदित्य भी धर्मांतरण गैंग का शिकार बन गया था. मजीदी का दावा है कि पकड़ा गया उमर गौतम दावते इस्लामी की तर्ज पर काम कर रहा था. धर्मांतरण की साजिश में पाकिस्तान का हाथ है जिसकी जांच सरकार को करानी चाहिए.

इसे भी पढ़ें-धर्मांतरण मामलाः अमेरिकन कंपनी पे-पाल से हो रहा था धर्मांतरण के लिए फंड का ट्रांजेक्शन

बता दें कि यूपी की एटीएस ने अवैध धर्मांतरण सिंडीकेट के बड़े नेक्सस का खुलासा करने के बाद लगातार पूरे देश और प्रदेश मे छापेमारी कर रही है. इस मामले में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद यह बात सामने आई है कि मूक बधिर बच्चे इनका आसान शिकार होते हैं. उनको लालच दे कर उनको धर्मांतरण का दबाव बनाते हैं और धर्मांतरण करा देते हैं. यूपी एटीएस अब तक अवैध धर्मांतरण मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार आरोपियों से प्रवर्तन निदेशालय लगातार पूछताछ कर रही है, जिसमें प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं.

कानपुरः अवैध धर्मांतरण मामले में एटीएस के साथ सूफी इस्लामिक बोर्ड लगातार सरहद पार से हो रही साजिश को बेनकाब कर रहा है. इस मामले में सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी ने अब बड़ा खुलासा किया है. सूफी इस्लामिक बोर्ड ने कुछ ऐसे वीडियो मीडिया के सामने रखे हैं, जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि सरहद पार से न सिर्फ धर्मांतरण बल्कि मूक बधिर बच्चों को धर्मांतरण कराने का टारगेट फिक्स किया गया है. कौसर हसन मजीदी के अनुसार मजबूर और मूक बधिर लोग इनके बहुत अच्छे टारगेट होते हैं. मजीदी का दावा है कि उमर गौतम भी दावते इस्लामी की तर्ज पर देश में धर्मांतरण करा रहा था.

कौसर हसन मजीदी, प्रवक्ता- इस्लामिक बोर्ड.

सूफी इस्लामिक बोर्ड ने कानपुर में दावते इस्लामी को चंदा दिए जाने का दावा करने के बाद एक और प्रमाण सामने रखा है. सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी की मानें तो दावते इस्लामी और मदनी चैनल देश में धर्मांतरण का गंदा खेल खेल रहे हैं. कौसर हसन मजीदी के अनुसार मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मदनी चैनल के जरिए लोगों को गैर मुस्लिमों को इस्लाम की तरफ प्रेरित करके उनका धर्म परिवर्तन कराने के लिए उकसाया जा रहा है. इसके सबूत के रूप में कुछ वीडियो सूफी इस्लामिक बोर्ड ने मीडिया के सामने रखे हैं.

दावते इस्लामी और मदनी चैनल बनाते हैं मूक-बधिर बच्चों को निशाना
इससे पहले बोर्ड ने ये दावा किया था कि दावते इस्लामी पाकिस्तान की वह संस्था है, जिसका काम लोगों का धर्म परिवर्तन करा कर उन्हें मुस्लिम बनाना है. अब ये दावते इस्लामी और मदनी चैनल गरीब और मूक बधिर लोगों को निशाना बना रहे हैं. मदनी चैनल के जरिए लोगों को इस्लाम कुबूल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. कौसर हसन मजीदी ने कहा कि जांच में ये भी सामने आया है कि दावते इस्लामी की जड़े कानपुर में काफी गहरी हैं. धर्मांतरण में लगे लोगों की फंडिंग के लिए दान लिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि कानपुर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ऐसे लोग सक्रिय हैं.

दावते इस्लामी की तर्ज पर उमर गौतम करा रहा था धर्मांतरण
मजीदी ने कहा कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में दावते इस्लामी को चंदा देने के लिए ट्रांसपेरेन्ट बॉक्स भी लगाए गए हैं. शहर का मूक बधिर छात्र आदित्य भी धर्मांतरण गैंग का शिकार बन गया था. मजीदी का दावा है कि पकड़ा गया उमर गौतम दावते इस्लामी की तर्ज पर काम कर रहा था. धर्मांतरण की साजिश में पाकिस्तान का हाथ है जिसकी जांच सरकार को करानी चाहिए.

इसे भी पढ़ें-धर्मांतरण मामलाः अमेरिकन कंपनी पे-पाल से हो रहा था धर्मांतरण के लिए फंड का ट्रांजेक्शन

बता दें कि यूपी की एटीएस ने अवैध धर्मांतरण सिंडीकेट के बड़े नेक्सस का खुलासा करने के बाद लगातार पूरे देश और प्रदेश मे छापेमारी कर रही है. इस मामले में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद यह बात सामने आई है कि मूक बधिर बच्चे इनका आसान शिकार होते हैं. उनको लालच दे कर उनको धर्मांतरण का दबाव बनाते हैं और धर्मांतरण करा देते हैं. यूपी एटीएस अब तक अवैध धर्मांतरण मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार आरोपियों से प्रवर्तन निदेशालय लगातार पूछताछ कर रही है, जिसमें प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं.

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