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एकेड एप से आसानी से लिख-पढ़ सकेंगे डिस्लेक्सिया पीड़ित छात्र, जानें तरीका...

IIT कानपुर में मानविकी और सामजिक विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ प्रो. बृजभूषण और प्रो. शतरूपा ठाकुरता राय व मनोचिकित्सक डॉ. आलोक बाजपेई ने एक मोबाइल एप्लिकेशन एकेड को तैयार किया है. इस डिवाइस की मदद से डिस्लेक्सिया और डिसग्राफिया पीड़ित बच्चे बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई कर सकेंगे.

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Published : Aug 14, 2022, 1:48 PM IST

एकेड एप.
एकेड एप.

कानपुर: अभी तक डिस्लेक्सिया और डिसग्राफिया पीड़ित बच्चों को लिखने और पढ़ने में जो तमाम तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. उससे उन्हें निजात मिल सकेगी. IIT कानपुर में मानविकी और सामजिक विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ प्रो. बृजभूषण और प्रो. शतरूपा ठाकुरता राय व मनोचिकित्सक डॉ. आलोक बाजपेई ने एक मोबाइल एप्लिकेशन- एकेड को तैयार किया है. इस डिवाइस की मदद से बच्चे बिना किसी दिक्कत के अपनी पढ़ाई कर सकेंगे.

एकेड एप.

देश के प्राथमिक विद्यालयों में 2 से 18 फीसद बच्चे डिसलेक्सिया से पीड़ित
विशेषज्ञ ने बताया की जब उन्होंने इस डिवाइस के लिए शोध किया तो सामने आया की देश के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 2 से 18 फीसद बच्चे डिस्लेक्सिया से पीड़ित है. 14 फीसद डिस्ग्राफिया और 5.5 फीसद डिस्केल्कुलिया से पीड़ित हैं. उनका कहना था कि, ऐसे विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को अतिरिक्त सहायता से लाभान्वित करने कि जरूरत होती है. IIT कानपुर द्वारा तैयार इस डिवाइस से ऐसे बच्चों को सभी तरह की परेशानियों से निजात मिल सकेगी.

IIT कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि डिस्लेक्सीया और डिस्ग्राफिया दो सामान्य स्थितियां हैं. जो बच्चे के मार्गदर्शन के लिए उचित समर्थन तंत्र के अभाव में उसके विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं. ऐसे में IIT कानपुर के इस नए अविष्कार से पीड़ित बच्चों के लिए डिवाइस किसी वरदान से कम नहीं होगी.

इसे भी पढे़ं- बच्चों ने रंगबिरंगे छातों से दिया तिरंगा फहराने का संदेश

कानपुर: अभी तक डिस्लेक्सिया और डिसग्राफिया पीड़ित बच्चों को लिखने और पढ़ने में जो तमाम तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. उससे उन्हें निजात मिल सकेगी. IIT कानपुर में मानविकी और सामजिक विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ प्रो. बृजभूषण और प्रो. शतरूपा ठाकुरता राय व मनोचिकित्सक डॉ. आलोक बाजपेई ने एक मोबाइल एप्लिकेशन- एकेड को तैयार किया है. इस डिवाइस की मदद से बच्चे बिना किसी दिक्कत के अपनी पढ़ाई कर सकेंगे.

एकेड एप.

देश के प्राथमिक विद्यालयों में 2 से 18 फीसद बच्चे डिसलेक्सिया से पीड़ित
विशेषज्ञ ने बताया की जब उन्होंने इस डिवाइस के लिए शोध किया तो सामने आया की देश के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 2 से 18 फीसद बच्चे डिस्लेक्सिया से पीड़ित है. 14 फीसद डिस्ग्राफिया और 5.5 फीसद डिस्केल्कुलिया से पीड़ित हैं. उनका कहना था कि, ऐसे विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को अतिरिक्त सहायता से लाभान्वित करने कि जरूरत होती है. IIT कानपुर द्वारा तैयार इस डिवाइस से ऐसे बच्चों को सभी तरह की परेशानियों से निजात मिल सकेगी.

IIT कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि डिस्लेक्सीया और डिस्ग्राफिया दो सामान्य स्थितियां हैं. जो बच्चे के मार्गदर्शन के लिए उचित समर्थन तंत्र के अभाव में उसके विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं. ऐसे में IIT कानपुर के इस नए अविष्कार से पीड़ित बच्चों के लिए डिवाइस किसी वरदान से कम नहीं होगी.

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