कानपुर: शहर से सपा विधायक इरफान सोलंकी शनिवार की आगजनी मामले में कोर्ट में पेशी हुई. इस दौरान इरफान ने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश हुई है. इस साजिश की जानकारी जिसे है, उसे खुद मालूम है. इसी तरह कहा कि अब बहुत जल्दी देश में एक बड़ा परिवर्तन होने वाला है, जिसे लोग देखेंगे. वहीं, पेशी के बाद वापस जाते समय सपा विधायक का नया अंदाज देखने को मिला. रोजा रखने के चलते उन्होंने आते ही कहा था - रोजे से हूं, दुआओं में याद रखना. कोर्ट से निकलते समय सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी के चेहरे पर मुस्कान थी.
फिर दिखा शायराना अंदाज: जब इससे पहले सपा विधायक इरफान सोलंकी पेशी पर कानपुर कोर्ट आये थे तो उन्होंने कोई शायरी नहीं पढ़ी थीं. जबकि उससे पहले हर पेशी पर वह एक शायरी पढ़कर मौजूदा सरकार और खुद के लिए हो रहीं कार्रवाई के प्रति अपनी नाराजगी जता रहे थे. ऐसे में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के अफसरों ने कहना शुरू कर दिया था कि सपा विधायक को शायरी लिखने का टाइम नहीं मिलता. लेकिन शनिवार को सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी ने पत्रकारों के पहले सवाल का जवाब ही शायरी- नहीं कोई सलीका है आरजू का, नहीं बन्दगी मेरी बन्दगी है... है मेरे ऊपर अल्लाह की इबादत है, बस वही बनी हुई है... पढ़ा और मुस्कुराकर सपा कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया.