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तस्करों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ कानपुर का लाल, आज घर पहुंचेगा पार्थिव शरीर

कोलकाता में ड्यूटी के दौरान बीएसएफ में तैनात जवान शहीद हो गया. ड्यूटी के दौरान तस्करों ने जवान को पद्मा नदी में फेंक दिया था. शुक्रवार देर शाम शहीद शैलेंद्र दुबे का पार्थिव शरीर कानपुर पहुंचेगा. शहीद शैलेंद्र दुबे का घर कानपुर नगर के नौबस्ता मछरिया में है.

कानपुर का लाल शहीद.
कानपुर का लाल शहीद.
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Published : Oct 15, 2021, 8:01 AM IST

कानपुर: कानपुर नगर का लाल अपनी ड्यूटी के दौरान फर्ज निभाते निभाते शहीद हो गया. कानपुर नगर के नौबस्ता मछरिया के रहने वाले शैलेंद्र दुबे तस्करों से लोहा लेते समय मार दिए गए. शहीद शैलेंद्र दुबे बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) की 27 बटालियन के जवान थे. इनकी पोस्टिंग वेस्ट बंगाल में थी.

शहीद शैलेंद्र दुबे के पिता संतोष दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को सुबह 4:30 बजे डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी का फोन आया. उन्होंने बताया कि उनके बेटे शैलेंद्र दुबे की नाइट शिफ्ट थी, जिनकी ड्यूटी देर रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक थी. वेस्ट बंगाल में पद्मा नदी है, जिसमें गस्ती के दौरान नाव से पैर फिसलने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी शैलेन्द्र की बॉडी नहीं मिल पाई है, गोताखोर तलाश में लगे हुए हैं. क्योंकि पद्मा नदी की गहराई 15 से 20 फीट है. यह खबर आते ही पूरे घर में मानो कोहराम मच गया. खबर मिलते ही शैलेंद्र दुबे के पिता संतोष दुबे ने अपने बेटे आदेश दुबे और एक रिश्तेदार गुड्डू तिवारी को तुरंत वेस्ट बंगाल के लिए रवाना कर दिया. वहीं, शाम होते-होते लगभग 4 बजे फिर से डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण दुबे का फोन आया. उन्होंने पीड़ित परिवार को सूचना देते हुए बताया कि शैलेंद्र की बॉडी मिल गई है और पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है.

कानपुर का लाल शहीद.

डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी के फोन आने के बाद शहीद शैलेंद्र दुबे के साथ बटालियन में काम करने वाले उनके कुछ खास दोस्तों का पिता संतोष दुबे के पास फोन आता है. वे बताते हैं कि डिप्टी कमांडेंट ने जो भी जानकारी दी है, वह गलत है. आप मेरा नाम मत बताना मैं बताता हूं कि आखिर क्या घटना हुई थी. उन्होंने बताया कि शैलेंद्र की कुछ लोकल तस्करों से झड़प हुई थी, जिसके बाद तस्करों और शैलेंद्र में हाथापाई भी हुई. तस्करों ने शैलेंद्र को नदी में धक्का दे दिया, जिसके चलते शैलेंद्र की मौत हो गई. वहीं, शैलेंद्र के पास मौजूद असलम भी तस्करों ने छीन लिया.

यह भी पढ़ें: शाहजहांपुर में तालाब में डूबने से 3 बच्चों की मौत, शव बरामद

इसके बाद शैलेंद्र के पिता संतोष दुबे ने डिप्टी कमांडेंट को फोन किया और उन्होंने डिप्टी कमांडेंट को बताया कि आपने झूठी जानकारी मुझे दी है. मैं इस पूरे मामले को कोर्ट तक ले जाऊंगा. इस पर डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी ने कहा कि मैं जांच करवाता हूं. शहीद शैलेंद्र दुबे के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार देर शाम 7 से 8 के बीच मेरे बेटे का शव कोलकाता से फ्लाइट के जरिए दिल्ली लाया जाएगा. इसके बाद दिल्ली से रोड के जरिए नौबस्ता लाया जाएगा.

कानपुर: कानपुर नगर का लाल अपनी ड्यूटी के दौरान फर्ज निभाते निभाते शहीद हो गया. कानपुर नगर के नौबस्ता मछरिया के रहने वाले शैलेंद्र दुबे तस्करों से लोहा लेते समय मार दिए गए. शहीद शैलेंद्र दुबे बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) की 27 बटालियन के जवान थे. इनकी पोस्टिंग वेस्ट बंगाल में थी.

शहीद शैलेंद्र दुबे के पिता संतोष दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को सुबह 4:30 बजे डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी का फोन आया. उन्होंने बताया कि उनके बेटे शैलेंद्र दुबे की नाइट शिफ्ट थी, जिनकी ड्यूटी देर रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक थी. वेस्ट बंगाल में पद्मा नदी है, जिसमें गस्ती के दौरान नाव से पैर फिसलने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी शैलेन्द्र की बॉडी नहीं मिल पाई है, गोताखोर तलाश में लगे हुए हैं. क्योंकि पद्मा नदी की गहराई 15 से 20 फीट है. यह खबर आते ही पूरे घर में मानो कोहराम मच गया. खबर मिलते ही शैलेंद्र दुबे के पिता संतोष दुबे ने अपने बेटे आदेश दुबे और एक रिश्तेदार गुड्डू तिवारी को तुरंत वेस्ट बंगाल के लिए रवाना कर दिया. वहीं, शाम होते-होते लगभग 4 बजे फिर से डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण दुबे का फोन आया. उन्होंने पीड़ित परिवार को सूचना देते हुए बताया कि शैलेंद्र की बॉडी मिल गई है और पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है.

कानपुर का लाल शहीद.

डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी के फोन आने के बाद शहीद शैलेंद्र दुबे के साथ बटालियन में काम करने वाले उनके कुछ खास दोस्तों का पिता संतोष दुबे के पास फोन आता है. वे बताते हैं कि डिप्टी कमांडेंट ने जो भी जानकारी दी है, वह गलत है. आप मेरा नाम मत बताना मैं बताता हूं कि आखिर क्या घटना हुई थी. उन्होंने बताया कि शैलेंद्र की कुछ लोकल तस्करों से झड़प हुई थी, जिसके बाद तस्करों और शैलेंद्र में हाथापाई भी हुई. तस्करों ने शैलेंद्र को नदी में धक्का दे दिया, जिसके चलते शैलेंद्र की मौत हो गई. वहीं, शैलेंद्र के पास मौजूद असलम भी तस्करों ने छीन लिया.

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इसके बाद शैलेंद्र के पिता संतोष दुबे ने डिप्टी कमांडेंट को फोन किया और उन्होंने डिप्टी कमांडेंट को बताया कि आपने झूठी जानकारी मुझे दी है. मैं इस पूरे मामले को कोर्ट तक ले जाऊंगा. इस पर डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी ने कहा कि मैं जांच करवाता हूं. शहीद शैलेंद्र दुबे के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार देर शाम 7 से 8 के बीच मेरे बेटे का शव कोलकाता से फ्लाइट के जरिए दिल्ली लाया जाएगा. इसके बाद दिल्ली से रोड के जरिए नौबस्ता लाया जाएगा.

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