कानपुर: सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को सीएए-एनआरसी मामले में दर्ज मुकदमे में बरी कर दिया गया है. तत्कालीन एडीजी प्रेमप्रकाश ने सपा विधायक के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी. सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा, कि पुलिस किसी तरह का साक्ष्य नहीं दिखा सकी, जिसके चलते एमपी-एमएलए कोर्ट से उन्हें बरी कर दिया.
दरअसल, साल 2019 में (दिसंबर) सीएए-एनआरसी के मामले में सपा विधायक और तत्कालीन एडीजी प्रेमप्रकाश के बीच तीखी बहस हुई थी. इसके बाद मौके पर ही नोंकझोंक हुई थी. उसी समय एडीजी ने एफआईआर के आदेश दे दिए थे. हालांकि, सपा विधायक ने बताया कि 20 दिसंबर को बेकनगंज थाना क्षेत्र में उनकी कहासुनी हुई, जबकि मामला कोतवाली में दर्ज कराया गया था. सपा विधायक अमिताभ बाजपेई जहां पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बेहद करीबी हैं, वहीं इन दिनों सपा विधायक की पत्नी वंदना बाजपेई सपा से महापौर का चुनाव लड़ रही हैं.
कोर्ट का माहौल गर्माया, जब सपा विधायक साथी अधिवक्ताओं संग पहुंचे: शहर की आर्यनगर सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई बुधवार को अपने अधिवक्ता साथियों संग जब कानपुर कोर्ट पहुंचे तो माहौल कुछ देर के लिए गर्मा गया. हालांकि, जैसे ही मामले की सुनवाई हुई तो एमपी-एमएलए कोर्ट से फैसला सपा विधायक के पक्ष में रहा. सपा विधायक ने बताया, कि जब उन पर मुकदमा दर्ज हुआ था, तब करीब पांच घंटे उन्हें हिरासत में रखा गया था, जिसका उन्होंने विरोध भी किया था. शहर के इस चर्चित मामले में आठ पुलिसकर्मियों की गवाही हुई थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था तू-तू मैं-मैं का वीडियो: शहर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और तत्कालीन एडीजी प्रेमप्रकाश के बीच हुई तू-तू, मैं-मैं का वीडियो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर वायरल हुआ था. ऐसे में बुधवार को जब सपा विधायक बरी हुए, तो कोर्ट में उस वीडियो की खूब चर्चा रही.
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