कानपुर: अभी तक सेना के जवानों को अपनी जरूरत का सामान रखने व अन्य सामानों को रखने के लिए कैरी बैग साथ में रखना पड़ता था. हालांकि, बदलते मौसम या अत्यधिक ठंड वाले स्थानों में ये बैग फट जाते थे, या उनमें दूसरी दिक्कतें हो जाती थीं. जब यह बात ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री के विशेषज्ञों तक पहुंची तो यहां के विशेषज्ञों ने जवानों की मदद के लिए रकसेक नाम से एक ऐसा पिट्ठू बैग तैयार किया है, जिसमें जवान गोलियों (बुलेट) सहित अपनी जरूरत का हर सामान रख सकेंगे.
आयुध उपस्कर निर्माणी (ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री) के उपमहाप्रबंधक (डीजीएम) अनुराग यादव ने बताया कि सबसे खास बात यह है कि फैक्ट्री में बनकर तैयार रकसेक को पेटेंट मिल गया है. अब, केवल ऑर्डर का इंतजार किया जा रहा है. जिस राज्य से ऑर्डर मिलेंगे. वहां उतनी संख्या में रकसेक बैग मुहैया करा दिए जाएंगे. इस बैग की विशेषता को लेकर उन्होंने बताया कि इसकी क्षमता 70 लीटर तक सामान रखने की है. ग्लेशियर के समीप वाले स्थानों में भी सैनिक इस बैग का आसानी से उपयोग कर सकेंगे. इसके इनर फैब्रिक को तैयार करने के लिए 100 फीसदी नायलान का उपयोग किया गया है. जबकि आउटर फैब्रिक में पीयू कोटिंग के साथ नायलान की मदद से बैग बनाया गया है.
असम पुलिस को सौंपे 160 से अधिक भाभा कवच
कुछ दिनों पहले ही शहर के फूलबाग क्षेत्र में स्थित ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री में तैयार किए गए भाभा कवच (जिस पर एके-47 की 18 गोलियां एक साथ लगने पर भी वह बेअसर हो जाएं) के 160 से अधिक पीस असम पुलिस को सौंपे गए. इसके अलावा बिहार पुलिस को 20 पीस भाभा कवच बनाकर दिए जा चुके हैं.
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