लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत रविवार को लखनऊ प्रवास के पहले दिन अवध प्रांत के प्रचारकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में उन्होंने संघ के कामकाज और सामाजिक समरसता को लेकर चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए समाज में जन जागरूकता की विशेष आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने संघ प्रचारकों से कहा कि कोरोना के संकट के कारण बहुत सारे श्रमिक प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. इन लोगों के रोजगार की चिंता के लिए हम सबको कार्य करने की आवश्यकता है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आने वाले समय में पर्यावरण को लेकर समाज को जागरूक करने का काम करेगा. अवध प्रांत कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट काल में संघ के स्वयंसेवकों के द्वारा जो काम किया गया, वह बहुत ही संतोष देने वाला है. उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के संकट काल में संघ के अलावा समाज में कई अन्य सामाजिक संगठन, मठ, मंदिरों और गुरुद्वारों ने सेवा कार्य किए हैं. एक बहुत बड़ी सज्जन शक्ति समाज में उभर कर सामने आई है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ के कार्यकर्ताओं को ऐसी सज्जन शक्ति से संपर्क करके प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से काम करना चाहिए. इसके लिए निरंतर प्रयास होते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए और ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के लिए काम करके उनके अंदर आत्मनिर्भरता का भाव भी जागृत करना होगा.
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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पर्यावरण को और बेहतर करने के लिए, पेड़ों के संरक्षण के लिए, पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए और प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का कम से कम उपयोग करने के लिए समाज जागरण की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस दिशा में पहले से काम कर रहा है, लेकिन आने वाले समय में इस दिशा में और गंभीरता से प्रयास किए जाएंगे. स्वयंसेवक एक अभियान की तरह पर्यावरण को लेकर आगे काम करेंगे, जिससे पर्यावरण को और बेहतर किया जा सके.