कानपुर: लंबे समय से अटके रिंग रोड प्रोजेक्ट को अब जल्द गति मिल सकेगी. चकेरी एयरपोर्ट सांसद सत्यदेव पचौरी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मुलाकात ने रिंग रोड प्रोजेक्ट की अटकलें साफ कर दी हैं. उन्होंने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए हामी भर दी है. इस प्रोजेक्ट से जहां कानपुर का औद्योगिक विकास होगा, वहीं काफी हद तक शहर की प्रमुख समस्या यानी जाम से भी निजात मिलेगी. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जनवरी में इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रख दी जाएगी.
अब 10 हजार करोड़ से बदलेगी शहर की तस्वीर: दरअसल, 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है. चुनाव को देखते हुए अब सांसद सत्यदेव पचौरी शहर के विकास को रफ्तार देने में लग गए हैं. उन्होंने बताया कि रिंग रोड प्रोजेक्ट पर व्यवहारिक तौर पर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. इस परियोजना में 10 हजार करोड़ की लागत आने वाली है. इससे शहर में 93 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड बन सकेगी. साथ ही इसमें शहर के अंदर एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव भी शामिल है. यह गोल चौराहे से लेकर रामादेवी तक बनना है.
नितिन गडकरी को शिलान्यास का न्योता: शहर में प्रस्तावित रिंग रोड के शिलान्यास के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से सांसद सत्यदेव पचौरी ने समय मांगा है. वहीं उनकी कोशिश है कि साल 2023 में जनवरी से ही दोनों परियोजनाओं की आधारशिला रख दी जाए, जिससे 2024 तक इसे पूरा किया जा सके.
शहर में पहली बार बनेगी 93 किलोमीटर लंबी रिंग रोड: गौरतलब है कि 93 किलोमीटर लंबी रिंग रोड का निर्माण तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपये से होगा. इसमें काम मंधना से शुरू होगा. फिर यह सचेंडी, रमईपुर, साढ़ से होते हुए रूमा के रास्ते मंधना में आकर शुभारंभ स्थल से जुड़ना है. इसका सबसे कम 4 किलोमीटर का हिस्सा कानपुर देहात में पड़ेगा. जबकि इस रिंग रोड की सबसे ज्यादा लंबाई कानपुर महानगर में 22 किलोमीटर की होगी और उन्नाव में भी इसकी लंबाई तकरीबन 27 किलोमीटर तक होगी.
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