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अगर खून की जरूरत है तो इस संस्था से करें संपर्क, तुरंत पहुंचेंगे रक्तदाता

कानपुर संकल्प सेवा समिति चलाने वाले संतोष सिंह की मां ब्लड कैंसर से पीड़ित थी. इसके बाद उन्होंने खुद धीरे-धीरे 53 बार ब्लड दानकर लोगों की जिंदगियां बचाई. उनकी संस्था से अब तक हजारों लोग जुड़कर एक दूसरे की जान बचा चुके हैं.

ब्लड कैंसर
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Published : Apr 10, 2023, 7:59 PM IST

संतोष सिंह चौहान ने दी जानकारी.

कानपुर: इस आधुनिक दुनिया में भी रक्त नहीं बनाया जा सकता है. यह लोगों के दान देने से ही उपलब्ध होता है. इसीलिए रत्तदान को महादान कहा जाता है. कानपुर के संतोष सिंह चौहान ने अपनी मां और बेटी के लिए ब्लड से जूझते देखा तो इस समस्या को दूर करने का संकल्प लिया. इसके बाद संतोष सिंह द्वारा बनाई गई संकल्प सेवा समिति से हजारों लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान किया.

कानपुर के संतोष सिंह चौहान ने बताया कि उनकी मां ब्लड कैंसर से पीड़ित थी. जिसके लिए उन्हें ब्लड का इंतजाम करने के लिए लोगों से मदद मांगनी पड़ती थी. वहीं, बेटी को भी बचपन में तबीयत खराब होने की वजह से उसे भी ब्लड की जरूरत पड़ी. उन्होंने बताया कि इस दौरान एक या दो बार तो हर कोई खून देने को तैयार हो जाता था. लेकिन बार-बार ब्लड की जरूरत पड़ने पर लोग पीछे हटने लगते थे. उन्होंने अस्पतालों में देखा कि किस प्रकार से लोग खून लिए परेशान होते है. इसी खून की कमी के चलते कई लोग अपनी जान भी गंवा दिए.


संकल्प सेवा समिति बनाईः संतोष सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने अपनों को ब्लड की पीड़ा के दौरान लोगों को भी ब्लड से संघर्ष करते हुए देखा. उन्होंने अपने ही सामने लोगों को ब्लड न मिलने पर जान गंवाते हुए भी देखा. उन्होंने मेहनत से अपने परिजनों की जान तो बचा ली. लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य लोगों की सेवा करने में बना लिया. उन्होंने संकल्प लिया कि उनकी जान पहचान में किसी भी व्यक्ति की मौत ब्लड से नहीं होगी. इसके लिए उन्होंने 2015 में अपनी एक संकल्प सेवा समिति तैयार की. धीरे-धीरे इस संस्था से अब हजारों लोग जुड़ चुके हैं. जो समय-समय पर रक्तदान देने के लिए तैयार रहते हैं. किसी भी व्यक्ति को ब्लड की जरूरत पड़ने पर उनकी टीम मदद के लिए वहां पहुंच जाती है. धीरे-धीरे उनकी इस संस्था ने कई लोगों की जिंदगियां बचाई.

ब्लड ग्रुप के डोनरों की बनाई लिस्टः संतोष सिंह चौहान ने बताया कि उनकी संस्था संकल्प सेवा समिति 2015 से लगातार रक्तदान पर काम कर रही है. अब तक उनकी संस्था द्वारा 129 रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा चुका है. उनकी संस्था में अब तक लगभग 10 हजार से अधिक लोग जुड़कर रक्तदान कर चुके हैं. किसी भी व्यक्ति को किसी भी ग्रुप के ब्लड की जरूरत हो तो वह उनकी संस्था से संपर्क कर सकती है. उनकी संस्था के पास सभी ब्लड ग्रुप के डोनर मौजूद हैं. इसके लिए उन्होंने पूरी एक लिस्ट तैयार कर रखी है. जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति को जब भी खून की आवश्यकता होती है तो वह उस डोनर से संपर्क कर जरूरतमंद लोगों को ब्लड मुहैया कराते हैं.

खुद कर चुके 53 बार रक्तदानः संतोष सिंह चौहान ने बताया कि अब तक 53 बार वह रक्तदान कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य है कि वह रक्तदान का शतक पूरा करें. इसके साथ ही उन्होंने 100 से अधिक बार रक्तदान करने की लोगों से अपील की है. साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि सभी लोग बढ़-चढ़कर रक्तदान करें. क्योंकि एक यूनिट ब्लड से 3 लोगों की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी ब्लड की जरूरत हो तो वह उनकी समिति संकल्प सेवा समिति से संपर्क कर सकता है.


यह भी पढे़ं-Divorce Case: राजा भैया के तलाक मामले में सुनवाई टली, अब 23 मई को होगी

संतोष सिंह चौहान ने दी जानकारी.

कानपुर: इस आधुनिक दुनिया में भी रक्त नहीं बनाया जा सकता है. यह लोगों के दान देने से ही उपलब्ध होता है. इसीलिए रत्तदान को महादान कहा जाता है. कानपुर के संतोष सिंह चौहान ने अपनी मां और बेटी के लिए ब्लड से जूझते देखा तो इस समस्या को दूर करने का संकल्प लिया. इसके बाद संतोष सिंह द्वारा बनाई गई संकल्प सेवा समिति से हजारों लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान किया.

कानपुर के संतोष सिंह चौहान ने बताया कि उनकी मां ब्लड कैंसर से पीड़ित थी. जिसके लिए उन्हें ब्लड का इंतजाम करने के लिए लोगों से मदद मांगनी पड़ती थी. वहीं, बेटी को भी बचपन में तबीयत खराब होने की वजह से उसे भी ब्लड की जरूरत पड़ी. उन्होंने बताया कि इस दौरान एक या दो बार तो हर कोई खून देने को तैयार हो जाता था. लेकिन बार-बार ब्लड की जरूरत पड़ने पर लोग पीछे हटने लगते थे. उन्होंने अस्पतालों में देखा कि किस प्रकार से लोग खून लिए परेशान होते है. इसी खून की कमी के चलते कई लोग अपनी जान भी गंवा दिए.


संकल्प सेवा समिति बनाईः संतोष सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने अपनों को ब्लड की पीड़ा के दौरान लोगों को भी ब्लड से संघर्ष करते हुए देखा. उन्होंने अपने ही सामने लोगों को ब्लड न मिलने पर जान गंवाते हुए भी देखा. उन्होंने मेहनत से अपने परिजनों की जान तो बचा ली. लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य लोगों की सेवा करने में बना लिया. उन्होंने संकल्प लिया कि उनकी जान पहचान में किसी भी व्यक्ति की मौत ब्लड से नहीं होगी. इसके लिए उन्होंने 2015 में अपनी एक संकल्प सेवा समिति तैयार की. धीरे-धीरे इस संस्था से अब हजारों लोग जुड़ चुके हैं. जो समय-समय पर रक्तदान देने के लिए तैयार रहते हैं. किसी भी व्यक्ति को ब्लड की जरूरत पड़ने पर उनकी टीम मदद के लिए वहां पहुंच जाती है. धीरे-धीरे उनकी इस संस्था ने कई लोगों की जिंदगियां बचाई.

ब्लड ग्रुप के डोनरों की बनाई लिस्टः संतोष सिंह चौहान ने बताया कि उनकी संस्था संकल्प सेवा समिति 2015 से लगातार रक्तदान पर काम कर रही है. अब तक उनकी संस्था द्वारा 129 रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा चुका है. उनकी संस्था में अब तक लगभग 10 हजार से अधिक लोग जुड़कर रक्तदान कर चुके हैं. किसी भी व्यक्ति को किसी भी ग्रुप के ब्लड की जरूरत हो तो वह उनकी संस्था से संपर्क कर सकती है. उनकी संस्था के पास सभी ब्लड ग्रुप के डोनर मौजूद हैं. इसके लिए उन्होंने पूरी एक लिस्ट तैयार कर रखी है. जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति को जब भी खून की आवश्यकता होती है तो वह उस डोनर से संपर्क कर जरूरतमंद लोगों को ब्लड मुहैया कराते हैं.

खुद कर चुके 53 बार रक्तदानः संतोष सिंह चौहान ने बताया कि अब तक 53 बार वह रक्तदान कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य है कि वह रक्तदान का शतक पूरा करें. इसके साथ ही उन्होंने 100 से अधिक बार रक्तदान करने की लोगों से अपील की है. साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि सभी लोग बढ़-चढ़कर रक्तदान करें. क्योंकि एक यूनिट ब्लड से 3 लोगों की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी ब्लड की जरूरत हो तो वह उनकी समिति संकल्प सेवा समिति से संपर्क कर सकता है.


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