कानपुरः बीती एक अक्टूबर को साढ़ थाना क्षेत्र (Saad police station) के गंभीरपुर गांव के पास देर शाम अनियंत्रित ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस हादसे में घायल प्रीति की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, वादी प्रीति का कहना है कि वह न तो थाने गई है और न ही किसी प्रकार की तहरीर दी है. पुलिस ने केवल उसका नाम पूछा और एफआईआर (FIR) दर्ज कर दी. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
कोरथा गांव की प्रीति ने बताया कि वह बीती एक अक्टूबर को गांव के ही राजू निषाद के बेटे के मुंडन संस्कार में शामिल होने बक्सर घाट स्थित चंद्रिका देवी मंदिर गयी हुई थी. जहां से लौटते वक़्त गंभीरपुर गांव के पास ट्रैक्टर ट्राली अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई. वह ट्राली के नीचे दबकर घायल हो गई थी.
प्रीती ने बताया कि उस दर्दनाक हादसे के बाद वह कैसे बच गयी, उसे खुद पता नही चल पाया. बस इतना याद है, कि किसी ने उसके बाल पकड़कर उसको बाहर की ओर खींचा था. हादसे का मुकदमा लिखाने के सवाल पर प्रीति ने सिरे से नकार दिया.
उसने कहा कि मुकदमे में पड़ोसी गांव गौरीककरा की जिस बानो का नाम लिखा है, उसे वह जानती ही नहीं है और न ही उसने पुलिस को कोई तहरीर दी और न ही वह थाने गई. वहीं, पास में खड़े युवती के पिता राजाराम ने बताया कि घटना के दूसरे दिन पुलिस उसके घर आई थी और उससे नाम पूछा था, बाकी पुलिस ने उसके नाम से मुकदमा कैसे दर्ज किया ये पता नही है. वहीं, इस मामले में घाटमपुर सीओ तेज बहादुर सिंह ने बताया कि घायल युवती की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अब वह अपने बयान बदल रही है.
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