कानपुर: जनपद के चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 21वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की. इसके साथ ही जलपुरुष राजेंद्र सिंह भी समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. समारोह में 701 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां वितरित की गईं.
इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर जाति को लेकर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का गम्भीर आरोप लगाया. दीक्षांत समारोह के दौरान हंगामे से उच्चाधिकारियों के हाथपांव फूल गए. जिलाधिकारी, एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों ने मौके की नज़ाकत को समझते हुए स्थिति को किसी तरह संभाला.
मेधावियों के सपनों को लगे पंख
- कानपुर के सीएसए विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं को डिग्रियां वितरित की गईं.
- डिग्री पाने वालों में 579 छात्र और 122 छात्राएं शामिल थे.
- 54 पदक वितरण में 14 स्वर्ण, 14 रजत, 14 कांस्य पदक समेत 12 प्रायोजित पदक वितरित किए गए.
कुलाधिपति का हुआ संबोधन
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि कृषि की नवीन तकनीक से नए रोजगार का सृजन और नए ग्रामीण भारत में आप सभी अपना योगदान करें. राज्यपाल ने दहेज पर बोलते हुए कहा कि दहेजरूपी कुरीति को हमें जड़ से उखाड़ फेंकना हैं और अपनी जिम्मेदारियों का ठीक तरह से निर्वहन करना है. महामहिम ने कहा कि दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक ले रहे हैं, लेकिन शादी में दहेज मत लेना.
कार्यक्रम के दौरान हंगामे से फूले उच्चधिकारियों के हाथपांव
- कार्यक्रम के दौरान ही कुछ छात्र धरने पर बैठ गए.
- छात्रों का आरोप था कि विश्वविद्यालय में भेदभाव किया जा रहा है.
- छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय उनसे जातिगत तौर पर मूल्यांकन में भेदभाव कर रहा है.
- हंगामे को देखते हुए उच्चधिकारियों ने मामले को किसी तरह संभाला.