ETV Bharat / state

अभिभावकों ने कलेक्ट्रेट के बाहर पिया हुक्का, जानिए क्या रहा कारण

author img

By

Published : Feb 17, 2021, 4:57 PM IST

कानपुर जिले में कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ा था. कोरोना काल में अभिभावक भी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे. इसके बावजूद स्कूलों ने उनसे फीस मांग ली गई. फीस जमा नहीं करने वाले अभिभावकों के बच्चों की स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज बंद कर दी थीं. इससे नाराज अभिभावकों ने फीस माफी के लिए कलेक्ट्रेट के बाहर हुक्का पीकर प्रदर्शन किया.

हुक्का पीकर अनोखा प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा.
हुक्का पीकर अनोखा प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा.

कानपुर: जिले में कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा है. कोरोना काल में अभिभावक भी आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. इसके बावजूद स्कूलों ने अभिभावकों से फीस मांग ली. इसके विरोध में अभिभावकों ने फीस माफी के लिए अभियान शुरू कर दिया. स्कूलों की फीस भरने की मांग के विरोध में अभिभावकों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट के समाने हुक्का पीकर प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़े: छात्र कृपया ध्यान दें...ये है शिक्षा की रेलगाड़ी

कोरोना काल में फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों ऑनलाइन क्लासेज स्कूलों ने बंद कर दी थीं. स्कूलों के इस कदम के विरोध में बुधवार को एक बार फिर अभिभावकों ने अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. अखिल भारतीय पीड़ित परिवार महासंघ के तत्वाधान में बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में पदाधिकारियों ने हुक्का पीकर अनोखा प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा.

अभिभावकों ने हुक्का पीकर जताया विरोध

संस्था के अध्यक्ष राकेश मिश्रा ने बताया कि शासनादेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि जो अभिभावक फीस देने में असमर्थ हैं, उनके बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से बाधित नहीं किया जाएगा. इसके बावजूद स्कूल प्रधानाचार्य की मनमानी के चलते अक्सर बच्चों को निराशा ही हाथ लगी है. इसके बाद अभिभावकों ने लगातार फीस माफी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान आलाधिकारियों से भी मुलाकात की गई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. इसलिए अभिभावक फीस माफी के लिए एकजुट होकर कलेक्ट्रेट परिसर में हुक्का पीते हुए विरोध जताया है. अभिभावकों का कहना है कि जिला प्रशासन लोगों की बात नहीं सुन रही हैं. तो अब नशे का कारोबार ही करना पड़ेगा. बच्चों की शिक्षा की जगह अब उन्हें नशे की शिक्षा देनी होगी.

कानपुर: जिले में कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा है. कोरोना काल में अभिभावक भी आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. इसके बावजूद स्कूलों ने अभिभावकों से फीस मांग ली. इसके विरोध में अभिभावकों ने फीस माफी के लिए अभियान शुरू कर दिया. स्कूलों की फीस भरने की मांग के विरोध में अभिभावकों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट के समाने हुक्का पीकर प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़े: छात्र कृपया ध्यान दें...ये है शिक्षा की रेलगाड़ी

कोरोना काल में फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों ऑनलाइन क्लासेज स्कूलों ने बंद कर दी थीं. स्कूलों के इस कदम के विरोध में बुधवार को एक बार फिर अभिभावकों ने अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. अखिल भारतीय पीड़ित परिवार महासंघ के तत्वाधान में बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में पदाधिकारियों ने हुक्का पीकर अनोखा प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा.

अभिभावकों ने हुक्का पीकर जताया विरोध

संस्था के अध्यक्ष राकेश मिश्रा ने बताया कि शासनादेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि जो अभिभावक फीस देने में असमर्थ हैं, उनके बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से बाधित नहीं किया जाएगा. इसके बावजूद स्कूल प्रधानाचार्य की मनमानी के चलते अक्सर बच्चों को निराशा ही हाथ लगी है. इसके बाद अभिभावकों ने लगातार फीस माफी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान आलाधिकारियों से भी मुलाकात की गई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. इसलिए अभिभावक फीस माफी के लिए एकजुट होकर कलेक्ट्रेट परिसर में हुक्का पीते हुए विरोध जताया है. अभिभावकों का कहना है कि जिला प्रशासन लोगों की बात नहीं सुन रही हैं. तो अब नशे का कारोबार ही करना पड़ेगा. बच्चों की शिक्षा की जगह अब उन्हें नशे की शिक्षा देनी होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.