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कानपुर: फ्लाइट निरस्त होने पर एयरलाइंस ने वापस नहीं किया किराया, मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

लॉकडाउन के दौरान रद्द की गई उड़ानों के रिफंड के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकृति दे दी है.

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Published : Sep 24, 2020, 10:33 AM IST

फाइल फोटो.
फाइल फोटो.

कानपुर: जिले के 5 हजार से अधिक हवाई यात्रियों का एयरलाइंस कंपनियों के पास जमा किराया वापस मिलने की उम्मीद बंधी है. इस मामले को लेकर लॉकडाउन के दौरान सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, इसे सुनवाई के लिए कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान बहुत से यात्रियों की फ्लाइट निरस्त हो गई थी, लेकिन उन्हें किराया अभी तक वापस नहीं मिला है. किराया न लौटाने की बात पर कंपनियों ने कहा था कि पैसा वेबसाइट के वॉलेट में डाल दिया गया है. यात्री जब दोबारा यात्रा करेंगे तो उसी वॉलेट से उनकी टिकट बुक हो जाएगी. इसके खिलाफ एयर पैसेंजर एसोसिएशन ने याचिका दाखिल की थी जिस पर जल्द सुनवाई हो सकती है.

वहीं कुछ यात्रियों का कहना है कि हम दोबारा यात्रा नहीं करना चाहते. तमाम ऐसे यात्री हैं, जो ट्रेवल एजेंसियों के चक्कर काट रहे हैं. उनका कहना है कि वह दोबारा सफर नहीं करेंगे, उन्हें उनका पैसा वापस चाहिए. टूर एंड ट्रैवल्स एजेंसी के मालिकों ने बताया कि जो लोग नौकरी करने के लिए दूसरे देश जाना चाहते हैं, उनका पैसा कंपनी के पास जमा होने से उन्हें परेशानी नहीं है, लेकिन जिन लोगों ने घूमने का मन बनाया था, वे अब अपना पैसा वापस चाहते हैं. इस संबंध में जल्द ही एयरलाइंस कंपनियां कोई फैसला ले सकती हैं. बता दें कि कानपुर और आसपास के जिलों के करीब पांच हजार ऐसे लोग हैं, जिनका पैसा कंपनी के पास जमा है.

कानपुर: जिले के 5 हजार से अधिक हवाई यात्रियों का एयरलाइंस कंपनियों के पास जमा किराया वापस मिलने की उम्मीद बंधी है. इस मामले को लेकर लॉकडाउन के दौरान सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, इसे सुनवाई के लिए कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान बहुत से यात्रियों की फ्लाइट निरस्त हो गई थी, लेकिन उन्हें किराया अभी तक वापस नहीं मिला है. किराया न लौटाने की बात पर कंपनियों ने कहा था कि पैसा वेबसाइट के वॉलेट में डाल दिया गया है. यात्री जब दोबारा यात्रा करेंगे तो उसी वॉलेट से उनकी टिकट बुक हो जाएगी. इसके खिलाफ एयर पैसेंजर एसोसिएशन ने याचिका दाखिल की थी जिस पर जल्द सुनवाई हो सकती है.

वहीं कुछ यात्रियों का कहना है कि हम दोबारा यात्रा नहीं करना चाहते. तमाम ऐसे यात्री हैं, जो ट्रेवल एजेंसियों के चक्कर काट रहे हैं. उनका कहना है कि वह दोबारा सफर नहीं करेंगे, उन्हें उनका पैसा वापस चाहिए. टूर एंड ट्रैवल्स एजेंसी के मालिकों ने बताया कि जो लोग नौकरी करने के लिए दूसरे देश जाना चाहते हैं, उनका पैसा कंपनी के पास जमा होने से उन्हें परेशानी नहीं है, लेकिन जिन लोगों ने घूमने का मन बनाया था, वे अब अपना पैसा वापस चाहते हैं. इस संबंध में जल्द ही एयरलाइंस कंपनियां कोई फैसला ले सकती हैं. बता दें कि कानपुर और आसपास के जिलों के करीब पांच हजार ऐसे लोग हैं, जिनका पैसा कंपनी के पास जमा है.

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