कानपुर: 3 जुलाई की रात को दबिश देने गई पुलिस पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी, जिसमें डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद आलम ये है कि अपराधी विकास दुबे के गांव बिकरू में दहशत के चलते लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि आसपास के क्षेत्रों में विकास दुबे के नाम के नाम का खौफ कायम है.
बता दें कि विकास दुबे पर 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. उसके ऊपर हत्या, हत्या का प्रयास, चोरी डकैती, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर सहित गंभीर धाराओं में मुकदमे चौबेपुर थाने में दर्ज हैं. पुलिस टीमें लगातार उसकी तफ्तीश में जुटी हुई हैं. इसको देखते हुए गांव वालों में दहशत है. वहीं लोग पुलिस-कचहरी के चक्कर से बचना चाह रहे हैं, जिसके चलते कोई भी कुछ बोलने के लिये तैयार नहीं है.
घटना के बाद से बिकरू गांव में दहशत भरा माहौल है. वहीं अब पुलिस की लगभग 22 टीमें और एसटीएफ की टीमें कुख्यात अपराधी विकास दुबे को ढूंढने में लगी हुई हैं. विकास दुबे पर बढ़ते शिकंजे और घर गिराए जाने के बाद खौफ के बीच गांव वाले अपने-अपने घर छोड़ पलायन करने लगे हैं. लोगों ने अपने घरों में ताले डाल दिए हैं और अपने रिश्तेदारों के घर जाने लगे हैं. इस मामले में लोग कुछ बोलने को भी तैयार नहीं है. लोगों से पूछने के बाद भी पलायन का कारण नहीं बता रहे हैं. आसपास के गांव वालों से पूछताछ के दौरान पता चला कि सभी हिस्ट्रीशीटर के समर्थक हैं, जिसके चलते कोई भी अपना मुंह नहीं खोलना चाहता है.
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कल हुए हत्याकांड के बाद से ग्राम बिकरू में एकदम सन्नाटा पसरा हुआ था. वहां पर कोई भी व्यक्ति भी सामने आकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. पूरा गांव वीरान पड़ा हुआ है. जब लोगों से पूछताछ की गई तो लोगों का यही कहना था कि किसी ने कुछ नहीं सुना, न देखा. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विकास दुबे के नाम की दहशत अभी भी लोगों में बरकरार है.