कानपुर : विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते पोल पर चढ़े विभाग के संविदा लाईन मैन गुलशन उर्फ मोंन्टी की करंट लगने से मौत हो गई. कर्मचारी की मौत की सूचना विभागीय अधिकारियों को दी गई लेकिन घटना के करीब 18 घंटे तक कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा. जबकि बिल्हौर चौकी इंचार्ज और साथी पुलिसकर्मी नाराज कर्मचारियों को मनाने में जुटे रहे. वहीं हंगामा बढ़ता देख अपर अभियंता ने मृतक के पिता को 21 हजार रुपए मुआवजा देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की.
दरअसल बुधवार की शाम कस्बे से सटे बिल्हौर देहात इलाके की बिजली गुल हो गई. नागरिकों की शिकायत पर क्षेत्रीय अवर अभियंता ने लाइनमैन गुलशन और रोहित को मौके पर भेजा. गड़बड़ी दूर करने से पहले गुलशन ने दफ्तर फोन किया गया ताकि शटडाउन लिया जा सके. वहीं शटडाउन लेने के बाद उन्होंने लाइन मैन को मोबाइल से सूचित किया. इसके बाद गुलशन जैसे ही पोल पर चढ़ कर तारों तक पहुंचा वह करंट की चपेट में आ गया.
आनन-फानन में रोहित ने तुरंत दफ्तर फोन कर घटना की जानकारी दी और 33 केवी लाईन बन्द होने के बाद सीढ़ी लगाकर गुलशन को नीचे उतारा. लेकिन तब तक उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी. वहीं पुलिस मृत कर्मचारी का शव पोस्टमार्टम के लिए कब्जे में लेना चाह रही थी लेकिन विरोध के चलते ऐसा नहीं हो सका. इसके बाद बिजली विभाग के अधिकारियों के मौके पर न आने से नाराज़ परिजन और साथी कर्मचारी शव को लेकर बिल्हौर बिजली घर पहुंचे और हंगामा करने लगे. साथ ही नगर और देहात की बिजली सप्लाई ठप कर दी. वहीं रात भर चले हंगामे के बाद घटना के करीब 18 घंटे बाद अपर अभियंता ने मृतक के पिता को 21 हजार रुपए मुआवजा देकर मामले को रफा-दफा किया. जिसके बाद गुरुवार दोपहर एक बजे शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका.
24 घंटे के भीतर दूसरी बड़ी लापरवाही
इतना ही नहीं अभी मृतक संविदा कर्मी का शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंच भी नहीं पाया था कि साथी कर्मचारी की मौत से दुखी साथी अभय उसी पोल पर लाईन सही करने के लिए चढ़ा और करंट की चपेट में आ गया. गंभीर अवस्था में लोग उसे बिल्हौर के एक निजी अस्पताल पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसकी गम्भीर अवस्था को देखते हुए कानपुर रेफर कर दिया. वहीं विधुत विभाग कट सिस्टम को खराब बता अपना पल्ला झाड़ रहा है. अब सवाल यह उठ रहा है कि फीडर के आउट पुट पर यह लाईन क्यों नही चेक की गई. पावर कट के बावजूद करंट कैसे आता रहा.