कानपुर: शहर के मूलगंज थाना क्षेत्र में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम ने छापा मारकर हीरामनपुरवा निवासी डॉ. अबरार को पकड़ा था. कई घंटे के बाद जब एनआईए की टीम के सदस्य दोपहर को लौटे और डॉ. अबरार मूलगंज थाने से बाहर निकले तो पत्रकारों ने उनसे कई सवाल किए. हालांकि, उन्होंने किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन, उनके साथ पीछे चल रहे परिजन जरूर तेज आवाज में बोलते रहे. उन्हें जाने दीजिए, वो हार्ट पेशेंट हैं.
दरअसल, जब एनआईए की टीम ने डॉ. अबरार को उठाया था, तब यह बात सामने आ रही थी कि उन्होंने पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों को फंडिंग की है. हालांकि, पूछताछ के बाद मूलगंज थाना पुलिसकर्मियों ने यह साफ कर दिया कि डॉ. अबरार से दिल्ली में हुई आपराधिक घटना को लेकर पूछताछ की गई. घटना करीब एक साल पहले हुई थी. डॉ. अबरार के अलावा एनआईए टीम के सदस्यों ने अन्य परिजनों से भी पूछताछ की. डॉ. अबरार और परिजनों के मोबाइल नंबर सहित कई अन्य जानकारियां दर्ज कर ली गईं.
2019 में हुए प्रदर्शन के दौरान भी हुई थी पूछताछ: मूलगंज थाने के पुलिसकर्मियों ने बताया कि डॉ. अबरार से साल 2019 में भी पूछताछ की गई थी. उस समय शहर में सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर एक विशेष समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान ही पुलिस ने पूछताछ की थी. वैसे तो क्षेत्र में डॉ. अबरार पेशे से चिकित्सक के तौर पर जाने जाते हैं. हालांकि, पुलिस कई मामलों में उनसे पूछताछ कर चुकी है. वहीं, जब बुधवार को एनआईए की टीम ने पूछताछ की, तो पूरे क्षेत्र में तरह-तरह के कयासों के दौर जारी रहे.
थाना प्रभारी मूलगंज सुखवीर सिंह ने बताया कि जितनी जानकारी उन्हें मिली है, उसके मुताबिक डॉ. अबरार से जुड़ा दिल्ली का कोई मामला था. जो एक साल पहले दर्ज किया गया था. उस आपराधिक मामले में डॉ. अबरार व उनके परिजनों से एनआईए टीम के सदस्यों ने जानकारी ली है. उनसे केवल सुरक्षा मांगी गई थी, जो समय से मुहैया करा दी गई.
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