कानपुर: जिले के प्रशासनिक अफसर कानपुर को इंदौर और सूरत की तर्ज पर स्मार्ट बनाना चाहते हैं. लेकिन, दूसरी ओर गली-मोहल्लों में सीवर का पानी सड़कों पर बह रहा है. लोगों को गंदे पानी के बीच से गुजरना पड़ रहा है. जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं और कागजों पर शहर स्मार्ट होता जा रहा है. इसके चलते सांसद सत्यदेव पचौरी ने जिम्मेदार अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की है.
गुरुवार को शहर के सांसद सत्यदेव पचौरी (Satyadev Pachauri scolded officers in Kananpur) ने सिविल लाइंस के पास एक मोहल्ले में जलभराव की स्थिति देखी. उसके बाद तो सांसद जी पारा हाई हो गया. उन्होंने मौके से ही कहा कि शुक्रवार को वह अपने आवास पर जिम्मेदार अफसरों की बैठक करेंगे और उनकी क्लास लगाएंगे. यह दशा तब है, जब कुछ दिनों पहले कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने जगह-जगह कूड़े के ढेर देखे थे और कई जिम्मेदारों को निलंबित किया था. हालांकि, शहर के अफसरों का रवैया बिल्कुल नहीं बदल रहा है. इससे लोग बुरी तरह से परेशान हो रहे हैं.
सांसद सत्यदेव पचौरी सिविल लाइंस पहुंचे तो यहां मौजूद पार्षद यशपाल और अन्य लोगों ने उनसे कहा कि जलकल के अफसर न तो शिकायत सुनते हैं, ना ही कभी यहां देखने आते हैं. विभाग की ओर से लोगों को सीवर कर के बिल भेज दिए जाते हैं. लेकिन, जनता का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है. सांसद के सामने गली में नाली का पानी लगातार भरता रहा. अब कहा जा रहा है, शुक्रवार को जलकल अफसरों पर गाज गिरनी तय है.
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