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चंद्रयान मिशन-2: चंद्रमा की सतह से रहस्यों का पर्दा उठाएगा IIT कानपुर में बना 'लूनर रोवर'

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 15 जुलाई को होने वाली चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की तैयारी में जुटा है. दरअसल चंद्रयान-2 भारत का दूसरा चंद्रमा मिशन है. इस मिशन की खासियत यह है कि पहली बार भारत चंद्रमा की उत्तरी सतह पर 'लूनर रोवर' उतारेगा.

'लूनर रोवर' के साथ प्रोफेसर आशीष दत्ता.
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Published : Jul 12, 2019, 5:38 PM IST

Updated : Jul 12, 2019, 6:15 PM IST

कानपुर: 15 जुलाई को भारत चंद्रयान मिशन-2 का आगाज करेगा. IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लूनर रोवर' यानी मानवरहित चंद्रयान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा, जो चंद्रमा की सतह के कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा. यह पहली बार है कि मानवरहित चंद्रयान भारत की ओर से चंद्रमा की उत्तरी सतह पर लैंड करेगा, जो पूरी दुनिया के लिए अभी अछूता है.

जानकारी देते आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आशीष दत्ता.

जानें क्या है 'लूनर रोवर'

  • 15 जुलाई से चंद्रयान मिशन-2 का आगाज करेगा भारत.
  • IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लूनर रोवर' यानी मानवरहित चंद्रयान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा.
  • यह चंद्रयान चंद्रमा से 3D इमेज इसरो को भेजेगा.
  • यह पहला मौका है, जब चंद्रमा के उत्तरी हिस्से में किसी देश द्वारा कोई चंद्रयान उतारा जा रहा है.
  • इसको लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं.
  • IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लूनर रोवर' को दो साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है.
  • इसको तैयार करने में लगभग 50 लाख रुपये की लागत आई है.
  • इस चंद्रयान की मुख्य खासियत यह है कि यह मोशन प्लैनिंग है.
  • मोशन प्लैनिंग से तात्पर्य यह है कि यह चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर कैसे, कब और कहा जाएगा.
  • 'लूनर रोवर' में कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डेवेलप किया गया है.

इस मॉडल में तीन अहम मॉड्यूल हैं. ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर. आईआईटी कानपुर ने इसके मोशन प्लैनिंग सिस्टम पर काम किया है. चंद्रयान-2 मिशन के तहत यह चंद्रयान चांद पर उतरते ही मोशन प्लैनिंग का काम शुरू कर देगा. इसके अलावा यान के संचालन में ज्यादा खर्च न हो इसके लिए भी आईआईटी ने काम किया है.
-आशीष दत्ता, प्रोफेसर आईआईटी कानपुर, मेकैनिकल डिपार्टमेंट

कानपुर: 15 जुलाई को भारत चंद्रयान मिशन-2 का आगाज करेगा. IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लूनर रोवर' यानी मानवरहित चंद्रयान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा, जो चंद्रमा की सतह के कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा. यह पहली बार है कि मानवरहित चंद्रयान भारत की ओर से चंद्रमा की उत्तरी सतह पर लैंड करेगा, जो पूरी दुनिया के लिए अभी अछूता है.

जानकारी देते आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आशीष दत्ता.

जानें क्या है 'लूनर रोवर'

  • 15 जुलाई से चंद्रयान मिशन-2 का आगाज करेगा भारत.
  • IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लूनर रोवर' यानी मानवरहित चंद्रयान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा.
  • यह चंद्रयान चंद्रमा से 3D इमेज इसरो को भेजेगा.
  • यह पहला मौका है, जब चंद्रमा के उत्तरी हिस्से में किसी देश द्वारा कोई चंद्रयान उतारा जा रहा है.
  • इसको लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं.
  • IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लूनर रोवर' को दो साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है.
  • इसको तैयार करने में लगभग 50 लाख रुपये की लागत आई है.
  • इस चंद्रयान की मुख्य खासियत यह है कि यह मोशन प्लैनिंग है.
  • मोशन प्लैनिंग से तात्पर्य यह है कि यह चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर कैसे, कब और कहा जाएगा.
  • 'लूनर रोवर' में कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डेवेलप किया गया है.

इस मॉडल में तीन अहम मॉड्यूल हैं. ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर. आईआईटी कानपुर ने इसके मोशन प्लैनिंग सिस्टम पर काम किया है. चंद्रयान-2 मिशन के तहत यह चंद्रयान चांद पर उतरते ही मोशन प्लैनिंग का काम शुरू कर देगा. इसके अलावा यान के संचालन में ज्यादा खर्च न हो इसके लिए भी आईआईटी ने काम किया है.
-आशीष दत्ता, प्रोफेसर आईआईटी कानपुर, मेकैनिकल डिपार्टमेंट

Intro:कानपुर:-आईआईटी में बना 'लूनर रोवर' चंद्रमा की धरती से पहली बार उठाएगा पर्दा

पेश है कानपुर से रजनीश दीक्षित की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट ।

15 जुलाई को भारत द्वारा चंद्रयान मिशन टू का आगाज होगा जिसमें आईआईटी कानपुर विकसित लुनर रोवर यानी मानवरहित चंद्रयान कई चंदा मामा की सतह के कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा आपको बता दें कि आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित के चंद्रयान ना केवल चंद्रमा पर जाएगा बल्कि वहां की 3D इमेज भी इसरो को भेजेगा चंद्रयान मिशन 2 की सबसे अहम बात यह है कि पहली बार चंद्रमा के उत्तरी हिस्से में पहली बार किसी देश द्वारा कोई चंद याद उतारा जा रहा है जिससे पहली बार चंद्रमा के कई रहस्यों से पर्दा उठेगा





Body:इसरो द्वारा आगामी 15 जुलाई को चंद्रयान मिशन टू का आगाज किया जाना है जिसको लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई है क्योंकि यह पहली बार है कि मानवरहित चंद्रयान भारत की ओर से चंदा की उत्तरी सतह पर लैंड करेगा जो पूरी दुनिया के लिए अभी अछूता है आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित लुनर रोवर 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है जिसमें लगभग पचास लाख रुपए की लागत आई है
आईआईटी कानपुर में तैयार यह चंद्रयान कि जो मुख खासियत है वह है मौसम प्लैनिंग यानी चंद्रमा की सतह पर रोवर कैसे कब और कहा जाएगा साथ ही इसमें कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डिवेलप किया गया है


Conclusion:इसको तैयार करने वाले प्रोफेसर आशीष दत्ता ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया की इस मॉडल में तीन अहम मॉड्यूल है ऑर्बिटल लैंडर और रोवर आईआईटी कानपुर ने इसके मोशन प्लैनिंग सिस्टम पर काम किया है चंद्रयान 2 के चांद पर उतरते ही मोशन प्लानिंग का काम शुरू हो जाएगा इसके अलावा यान के संचालन में ज्यादा खर्च ना हो इसके लिए भी आईआईटी कानपुर द्वारा काम किया गया है

बाइट :- आशीष दत्ता , प्रोफेसर ,आईआईटी ,मेकैनिकल डिपार्टमेंट

रजनीश दीक्षित
कानपुर
9451259107
Last Updated : Jul 12, 2019, 6:15 PM IST
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