कानपुर: औद्योगिक नगरी कानपुर में कभी लालइमली की पहचान ऐसी थी, कि यहां जो कपड़ा बनता था उसके लिए देश-विदेश के लोग दीवाने थे. इन कपड़ों में 80 नंबर लोई की मांग सबसे अधिक थी. लेकिन, इसे सियासत की भेंट कहें या फिर कोई अन्य वजह. मौजूदा समय में अब लालइमली को बंद करने का फैसला सरकार ने कर लिया है.
ऐसी स्थिति में इस मिल के कई श्रमिक ई-रिक्शा चलाने को मजबूर हैं. इस मिल में काम करने वाले श्रमिकों ने बताया कि पिछले 9 सालों से मिल में उत्पादन बंद हो गया है. जिसकी वजह से उनकी रोजी रोटी संकट में है. श्रमिकों का कहना है मिल का काम ठप होने के बाद लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. अब वस्त्र मंत्रालय ने लालइमली मिल को बंद करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है.
बीआइसी ग्रुप(BIC Group) की जमीन पर बनी थी लालइमली
बीआइसी ग्रुप की जमीन पर लालइमली मिल बनी थी. तमाम दिक्कतों को देखते हुए वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने मिल को बंद करने का फैसला किया. इससे पहले मिल के संचालन व स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपये दिए गए थे. लेकिन, 200 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ. इसलिए अब वस्त्र मंत्रालय ने मिल को बंद करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है. मिल को बंद करने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा और फिर इसे बंद करने के निर्णय पर अंतिम मुहर लग जाएगी. हालांकि मिल बंद होने पर उसमें कार्यरत सभी कर्मियों को संपूर्ण भुगतान दिया जाएगा.
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