कानपुर: 39 महीनों से वेतन के लिए तरस रहे लाल इमली मिल के कर्मचारियों के सब्र का बांध आखिर टूट ही गया. शहर में सोमवार को एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे डिप्टी सीएम (Deputy CM) दिनेश शर्मा के कार्यक्रम स्थल पर मजदूरों ने धावा बोल दिया. बाहर पुलिस का भारी पहरा होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल में नहीं घुस सके. बाहर ही मजदूरों ने अफसरों को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द वेतन दिलाने की मांग की. इस दौरान मजदूरों ने जमकर प्रदर्शन भी किया.
बीएनएसडी इंटर कॉलेज में आयोजित शताब्दी वर्ष सम्मेलन में भाग लेने के लिए उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा कानपुर आए. इसकी सूचना जैसे ही लाल इमली मिल के कर्मचारियों को लगी वे कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए. लाल इमली कर्मचारी यूनियन के कई कर्मचारी और नेता कार्यक्रम स्थल के भीतर घुसने का प्रयास करने लगे. इस दौरान वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक लिया. कई प्रशासनिक अफसर भी पहुंच गए.
मजदूरों ने बताया कि बीते 39 महीने से वेतन को तरस रहे हैं. सभी के परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. प्रधानमंत्री तक यह मामला पहुंचाया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. मजदूरों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. इसी मसले को लेकर डिप्टी सीएम से मुलाकात करना चाहते हैं. अफसरों ने उन्हें समझा बुझाकर किसी तरह शांत कराया. इस दौरान मजदूर नेताओं ने अपना ज्ञापन वहां मौजूद अफसरों को सौंप कर प्रदर्शन शुरू कर दिया.
मजदूरों ने कहा कि यदि उन्हें वेतन नहीं मिला तो इसका जिम्मेदार भाजपा सरकार को माना जाएगा. साथ ही मजदूरों ने चेतावनी दी कि पिछली बीजेपी की सरकार बनाने में मजदूरों ने अहम भूमिका निभाई थी. इस बार वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. अगर मजदूरों को वेतन नहीं मिला तो इस चुनाव में मजदूर भी बीजेपी का साथ नहीं देंगे. मजदूर नेता अजय सिंह ने भी कहा कि मजदूरों की अनदेखी करने वालों का हम कभी साथ नहीं देंगे. हमारे परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं. ज्यादातर मजदूर कर्जदार हो गए हैं. सरकार को इनके हित में कदम उठाने चाहिए.