कानपुर : खादी के कपड़ों का फैशन भले ही बेहद पुराना हो गया है, लेकिन जो खादी पहनते हैं उनके लिए यह फैशन सदाबहार जैसा है. शहर में खादी के उत्पादों के लिए बना स्वराज्य आश्रम करीब 101 साल पुराना है. आज भी यहां युवाओं के लिए एक से बढ़कर शानदार उत्पाद उपलब्ध हैं. बताया जाता है कि देश में जब महात्मा गांधी का दौर था और असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी. उसी समय कानपुर के सर्वोदय नगर में स्वराज्य आश्रम को बनाया गया था और तब से यहां खादी के उत्पाद मिलते हैं.
निफ्ट के विशेषज्ञ तैयार करते डिजाइन : इस स्वराज आश्रम के सचिव प्रेम सिंह (Prem Singh, Secretary of Swaraj Ashram) ने बताया कि वर्षों पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Former Prime Minister Lal Bahadur Shastri) यहां दरी पर बैठकर मंथन करते थे. अब यहां नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के विशेषज्ञ (Experts at NIFT) युवाओं के लिए विशेष तरह की डिजाइन तैयार करते हैं. सालाना यहां 20 करोड़ रुपये का कारोबार होता है और देश के हर शहर से लोग यहां खरीदारी करने आते हैं.
डिजाइनर कुर्तियां महिलाओं व लड़कियों की पहली पसंद : इस आश्रम में पुरुषों के लिए जहां 350 रुपये में शर्ट मिल जाती है. वहीं अधिकतम 1500 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक कई उत्पाद और हैं. महिलाओं व लड़कियों के लिए डिजाइनर कुर्तियां, टॉप, प्लाजो, जींस समेत कई अन्य वैराइटी के कपड़े मिलते हैं. सचिव प्रेम सिंह का कहना है कि खादी के जो कपड़े होते हैं वह मौसम के विपरीत होते हैं. यानि अगर आप गर्मी में पहन रहे हैं तो खादी के कपड़े गर्मी से निजात देंगे. अगर आप सर्दी में पहन रहे हैं तो यह शरीर को गर्म रखते हैं.