कानपुर: अभी तक कानपुर में चमड़ा कारोबारी चमड़े के एक से बढ़कर उच्च गुणवत्ता वाले जूते बना रहे थे. लेकिन जब उनके कारोबार पर यह दाग लगा कि चमड़े के उत्पादों से पर्यावरण प्रभावित होता है तो कारोबारियों ने अब खादी व इको फ्रेंडली जूते तैयार कर दिए हैं. कानपुर शहर से तैयार इन जूतों की विदेशों में जबरदस्त मांग है.
जूतों में लगा जूट का सोल: कानपुर शहर के चमड़ा कारोबारियों ने बताया कि जो खादी व इको फ्रेंडली जूते बन रहे हैं. उनमें जूट का सोल और रबर का प्रयोग किया जा रहा है. साथ ही इन जूतों की सिलाई सूती धागों से की जा रही है. इन जूतों को लोग चार से पांच सालों तक आराम से पहन सकते हैं. खादी व इको फ्रेंडली जूतों की अमेरिका से करोड़ों रुपये के आर्डर मिले हैं.
खादी और ईकोफ्रेंडली जूतों की मांगः भारतीय जूते और चमड़े के निर्यात में साल 2022 की पहली छमाही में वृद्धि दर्ज की गई थी. कानपुर नगर के चमड़ा कारोबारियों को इस बार अधिक आर्डर मिल रहे हैं. कारोबारियों का कहना है कि चमड़ा तो वैसे भी कानपुर के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना में चयनित उत्पाद है. इसलिए वह चमड़े के जूते तो बनाते ही रहेंगे. लेकिन जब जूतों का ट्रेंड बदला है. तो वह भी विदेशों की मांग के अनुसार खादी व इको फ्रेंडली जूते बनाकर बाजारों में प्रदर्शित करेंगे.