कानपुर: शहर में कभी भौंती के पास पुलिसकर्मी व्यापारी से लूट करने लगते हैं तो कभी भाजपा विधायक अपने मोबाइल से साढ़ थाना प्रभारी को बता रहे होते हैं कि थाने में दारोगा मुकदमों के मामले में हजारों रुपये मांग रहा है. पुलिस पर भले ही यह एक पल के लिए आरोप जैसी बात हो. लेकिन, जब जांच में हकीकत निकलती है तो आला अफसरों की बहुत भद्द पिटती है.
कमोबेश ऐसा ही एक मामला शहर के महाराजपुर थाना क्षेत्र का सामने आया है. जैसे ही इस मामले का वीडियो वायरल हुआ और आला अफसरों के पास पहुंचा तो उन्होंने जांच एडीसीपी ट्रैफिक मृगांक शेखर पाठक को दे दी. एडीसीपी ट्रैफिक मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि एक वायरल वीडियो शनिवार को मिला था. इसमें महाराजपुर हाईवे पर एक बाहरी व्यक्ति सड़क से नोट उठाते दिख रहा है, जबकि एक निजी वाहन कुछ सेकेंड पहले ही जहां नोट गिरता है, उससे आगे की ओर बढ़ते दिख रहा है. इसके बाद वह व्यक्ति नोट लेकर वापस आकर ट्रैफिक पुलिसकर्मी के पास बैठ जाता है. इस वायरल वीडियो की पड़ताल कराई गई तो वह व्यक्ति गांव का चौकीदार राजेश निकला. राजेश के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया. जबकि, मोबाइल हाईवे के अन्य पुलिसकर्मियों (जिनकी संलिप्तता थी) को लाइनहाजिर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि पूरी कार्रवाई से पुलिस आयुक्त को अवगत भी करा दिया गया है.
इन मामलों से खाकी के दामन पर लग रहे दाग
दो जून को विधि छात्र को पीटने के मामले में तीन पुलिसकर्मी निलंबित हुए. 22 मई को बर्रा थाना क्षेत्र में पुलिस के सामने दबंगों ने युवकों को पीटा. 25 फरवरी को व्यापारी से लूटपाट करने वाले तीन पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया. 10 नवंबर को जाजमऊ हाईवे पर घूस लेने के मामले में चार पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर किया गया था.
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