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यूपी में 27.68 करोड़ रुपये से विकसित होगी परमहंस योगानंद की जन्मस्थली, टूरिज्म विभाग ने जारी किया फंड - PARAMAHANSA YOGANANDA BIRTHPLACE

इसके लिए 27.68 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए, जिसमें पांच करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.

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परमहंस योगानंद की जन्मस्थली का विकास का विकास होगा (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 25, 2025, 6:28 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित परमहंस योगानंद की जन्मस्थली का विकास किया जाएगा. पर्यटन विभाग यहां पर्यटन सुविधाओं का विकास करेगा. इसके लिए 27.68 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए, जिसमें पांच करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले परमहंस योगानंद का जन्म उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर हुआ था.

भारत के अलावा अन्य देशों में भी बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हैं. योगानंद की जन्मस्थली गोरखपुर शहर में कोतवाली के समीप स्थित है. पर्यटन विभाग गर्भगृह को संरक्षित रखते हुए यहां का विकास करेगा. मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर बनाया जाएगा. ग्राउंड फ्लोर पर हॉल और कमरे बनाए जाएंगे.

पहले तल पर बड़े हॉल और कमरे का निर्माण होगा. इसी तरह दूसरे तल पर भी विभिन्न कार्य कराए जाएंगे. भवन में लिफ्ट की सुविधा भी रहेगी. उन्होंने बताया कि योगानंद की जन्मस्थली के विकास से जिले में विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है. हाल के वर्षों में गोरखपुर महत्वपूर्ण गन्तव्य स्थल के रूप में उभरा है. बीते वर्ष यहां 36,15,917 पर्यटक आए थे, जिसमें लगभग 3,000 विदेशी आगंतुक थे.

योगानंद की जन्मस्थली का विकास होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी, क्योंकि विदेशों में उनके लाखों अनुयायी हैं. पर्यटन मंत्री ने बताया कि यूपी पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. अभी हम घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर हैं. विदेशी पर्यटकों के आगमन में भी यह उपलब्धि हासिल करने के प्रयास जारी हैं.

ये भी पढ़ें- आजम खान के बेटे अब्दुल्ला 17 महीने बाद हरदोई जेल से रिहा, घर पहुंचने पर जोरदार स्वागत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित परमहंस योगानंद की जन्मस्थली का विकास किया जाएगा. पर्यटन विभाग यहां पर्यटन सुविधाओं का विकास करेगा. इसके लिए 27.68 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए, जिसमें पांच करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले परमहंस योगानंद का जन्म उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर हुआ था.

भारत के अलावा अन्य देशों में भी बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हैं. योगानंद की जन्मस्थली गोरखपुर शहर में कोतवाली के समीप स्थित है. पर्यटन विभाग गर्भगृह को संरक्षित रखते हुए यहां का विकास करेगा. मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर बनाया जाएगा. ग्राउंड फ्लोर पर हॉल और कमरे बनाए जाएंगे.

पहले तल पर बड़े हॉल और कमरे का निर्माण होगा. इसी तरह दूसरे तल पर भी विभिन्न कार्य कराए जाएंगे. भवन में लिफ्ट की सुविधा भी रहेगी. उन्होंने बताया कि योगानंद की जन्मस्थली के विकास से जिले में विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है. हाल के वर्षों में गोरखपुर महत्वपूर्ण गन्तव्य स्थल के रूप में उभरा है. बीते वर्ष यहां 36,15,917 पर्यटक आए थे, जिसमें लगभग 3,000 विदेशी आगंतुक थे.

योगानंद की जन्मस्थली का विकास होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी, क्योंकि विदेशों में उनके लाखों अनुयायी हैं. पर्यटन मंत्री ने बताया कि यूपी पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. अभी हम घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर हैं. विदेशी पर्यटकों के आगमन में भी यह उपलब्धि हासिल करने के प्रयास जारी हैं.

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