कानपुर: जनपद के बर्रा इलाके में 22 जून को किडनैप हुए युवक के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. वारदात के 27 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. वहीं परिवार से एसएसपी दिनेश कुमार पी ने जो 4 दिन का समय मांगा था, वो भी पूरा हो गया, लेकिन अपहृत युवक की बरामदगी अब तक नहीं हो सकी है. वहीं पुलिस की नाकामी को देखते हुए परिजनों का गुस्सा बढ़ गया है. वह अब धरना प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं. संजीत की राह निहार रहे परिवार के सदस्यों की हालत भी अब बिगड़ने लगी है.
दरअसल अपहृत युवक की तलाश को लेकर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने पीड़ित परिवार से 4 दिन का वक्त मांगा था, जो कि अब पूरा हो चुका है, लेकिन संजीत यादव का कुछ भी पता नहीं चला है. इसको देखते हुए पीड़ित परिवार में आक्रोश है. वहीं एसएसपी दिनेश कुमार ने इस मामले में अभी तक सिर्फ बर्रा इंस्पेक्टर को ही निलंबित किया है, लेकिन अपहरण किए गए संजीत यादव के बारे में पुलिस के हाथ अब भी खाली ही हैं.
संजीत यादव की मां की रविवार को तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टर तक को बुलाना पड़ा. संजीत की बहन का कहना है कि फिलहाल पुलिस की ओर से उनको कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि एक-दो दिन में पुलिस की ओर से कुछ अच्छा होगा. वहीं तीस लाख रुपये की फिरौती देने के बाद भी बेटे के नहीं लौटने पर संजीत के पिता पुलिसिया कार्रवाई से खासे नाराज दिख रहे हैं. उनका कहना है कि सोमवार से शास्त्री चौक पर धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा, जो संजीत के वापस लौटने तक जारी रहेगा.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बर्रा थाना पुलिस को गच्चा देकर शातिर अपहरणकर्ता फिरौती के 30 लाख रुपये लेकर फरार हो गए और युवक को भी नहीं छोड़ा. 22 जून को पैथालॉजी में कार्यरत संजीत यादव का घर आते समय अपहरण हो गया था, जिसके बाद संजीत को छोड़ने के लिए परिजनों को फिरौती की रकम के साथ कानपुर के गुजैनी फ्लाईओवर के ऊपर बुलाया था.
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परिजन जब फ्लाईओवर पर पहुंचे, तो पुलिस भी उनके पीछे-पीछे अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए लगी थी. अपहरणकर्ता के कहने पर परिजनों ने पैसे से भरे बैग को फ्लाईओवर के नीचे फेंक दिया और वे पैसे लेकर फरार हो गए, जहां पुलिस महज तमाशबीन ही बनी रही.